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यूपी के पीलीभीत स्थित मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां आरोप है कि नवजात को एक्सपायर ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दी गई. इस घटना में नवजात की मौत हो गई. मामले में सीएमओ ने दो डॉक्टरों का पैनल गठित किया है, जो आरोपों की जांच करेगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद लापरवाहों पर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, मामले के तूल पकड़ने के बाद पीलीभीत मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है.
दरअसल, पीलीभीत के गांव गायबोझ के रहने वाले रंजीत सिंह ने बीते दिनों अपने नवजात बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. आरोप है कि यहां स्टाफ नर्स ने नवजात को एक्सपायर ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दी. जब बच्चे की हालत गंभीर हुई तो उसे रेफर कर दिया. जब तक उसे दूसरे अस्पताल ले जाया जाता नवजात की रास्ते में ही मौत हो गई.
जिसके बाद परिजन एक्सपायर्ड ग्लूकोज की बोतल सहित नवजात के शव को लेकर मेडिकल कालेज आ गए. तब तक बॉडी में एक्सपायर्ड ग्लूकोज की बोतल लगी थी. परिजनों ने शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसपर हंगामा शुरू हो गया.
आखिर में नवजात के पोस्टमार्टम का आदेश दिया गया. साथ ही सीएमओ ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वावासन भी दिया. सीएमओ डॉ आलोक शर्मा ने बताया सोशल मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी हुई है, जांच की जा रही है, कार्रवाई भी की जा रही है. दोषियों पर एक्शन होगा. प्राथमिक जांच के बाद स्टाफ नर्स प्रीति और पुष्पा को सस्पेंड कर दिया गया है.
उधर, मृतक के चाचा ने आरोप लगाया कि जो ग्लूकोज चढ़ाया गया था, वो 7 महीने में ही एक्सपायर हो गया था. उन्होंने सवाल उठाया कि इतने महीनों पहले एक्सपायर हो चुके ग्लूकोज का बोतल SNCU वार्ड में क्यों रखा गया था.