अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब केवल 11 दिन ही बचे हैं. इसको लेकर पीएम मोदी ने देशवासियों को एक खास ऑडियो संदेश दिया है. उन्होंने कहा, 'सियावर रामचंद्र की जय, मेरे प्यारे देश वासियों राम-राम', मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा, प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है.
ऑडियो संदेश में पीएम मोदी ने आगे कहा, जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं. आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनिया भर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है. हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है, चारों दिशाओं में राम नाम की धुन, राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी, हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी के उस एतिहासिक पवित्र पल का और अब अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं.
पुण्य अवसर का साक्षी बनना मेरा सौभाग्य: पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है. मैं भावुक हूं, भाव विह्लय हूं. मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं. मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं. मेरे अंतर्मन की ये भाव यात्रा मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं अनुभूति का अवसर है. चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं. आप भी भली भांति मेरी स्थिति समझ सकते हैं. जिस स्वप्न को अनेकों पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया.
पीएम मोदी ने अपने ऑडियो संदेश में आगे कहा, मुझे उसकी सिद्धि के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है. प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. 'निमित्त मात्रम भव सव्य-साचिन' ये एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. जैसा हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है हमें ईश्वर के यज्ञ के लिए , आराधना के लिए, स्वयं मे भी दैवीय चेतना जाग्रत करनी होती है. इसके लिए शास्त्रों में व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं. जिन्हें प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है. इसलिए आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है. उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं.
11 दिनों के अनुष्ठान को किया आरंभ: पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा, इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं, ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं और जनता-जनार्दन, जो ईश्वर का रूप है उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें ताकि मन से, वचन से, कर्म से, मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे. साथियों मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ मैं नासिक धाम पंचवटी से कर रहा हूं. पंचवटी वो पावन धरा है जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था.
पीएम मोदी ने अपने संदेश में आगे कहा, आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंद जी की जन्मजयंती है. जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था. आज वही आत्मविश्वास भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है और सोने पर सुहागा देखिए आज माता जीजाबाई जी की जन्म जयंती है.
पीएम मोदी को आई अपनी मां की याद
माता जीजाबाई, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में एक महामानव को जन्म दिया था. आज हम अपने भारत को जिस अक्षुण्ण रूप में देख रहे हैं, इसमें माता जीजाबाई जी का बहुत बड़ा योगदान है और साथियों जब मैं माता जीजाबाई का पुण्य स्मरण कर रहा हूं तो सहज रूप से मुझे अपनी मां की याद आना बहुत स्वाभाविक है. मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता राम का ही नाम भजा करती थीं.
प्राण प्रतिष्ठा में 140 करोड़ों भारतीय मेरे साथ होंगे: पीएम मोदी
पीएम ने आगे कहा, साथियों प्राण प्रतिष्ठा की मंगल घड़ी चराचर सृष्टि का वो चैतन्य पल, आध्यात्मिक अनुभूति का वो अवसर, गर्भगृह में उस पल क्या कुछ नहीं होगा, साथियों शरीर के रूप में, तो मैं उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा ही, लेकिन मेरे मन में, मेरे हृदय के हर स्पंदन में 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे.
उन्होंने कहा, आप मेरे साथ होंगे, हर रामभक्त मेरे साथ होगा और वो चैतन्य पल, हम सबकी सांझी अनुभूति होगी. मैं अपने साथ राम मंदिर के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाउंगा. त्याग-तपस्या की वो मूर्तियां, 500 साल का धैर्य, दीर्घ धैर्य का वो काल, अनगिनत त्याग और तपस्या की घटनाएं, दानियों की...बलिदानियों की गाथाएं कितने ही लोग हैं जिनके नाम तक कोई नहीं जानता.