प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इस मंदिर का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं. उन्होंने 1 फरवरी को पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें मंदिर के शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया था. इसके कुछ दिन बाद कांग्रेस ने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में संलिप्तता का हवाला देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
शिलान्यास कार्यक्रम सुबह लगभग 10:30 बजे शुरू होगा, जिसमें कई संत, धार्मिक नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. इस अवसर पर पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. भगवान कल्कि को प्रभु विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है. संभल में बनने जा रहे श्री कल्कि धाम को विश्व का सबसे अनोखा मंदिर कहा जा रहा है. इस मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए 10 अलग-अलग गर्भगृह होंगे. श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा, जिसमें 5 वर्ष का समय लगेगा.
कल्कि मंदिर की खासियतें
इस मंदिर का निर्माण भी राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से होगा. गुजरात के सोमनाथ मंदिर और अयोध्या राम मंदिर का निर्माण भी यहीं के पत्थरों से हुआ है. मंदिर का निर्माण 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, इसके शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगा. मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी, जबकि कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. कल्कि धाम में भगवान कल्कि के नए विग्रह की स्थापना होगी, जबकि पुराना कल्कि पीठ यथावत बना रहेगा.
कौन हैं भगवान कल्कि?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब कलयुग में पाप अपने चरम पर होगा, तब भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि दुष्टों के नरसंहार के लिए अवतरित होंगे. अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया गया है. इसमें भगवान कल्कि के घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है. जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे. इस तरह संभल का कल्कि धाम दुनिया का पहला ऐसा धर्म स्थल होगा, जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनकी मूर्ति स्थापित होगी.