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उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली विधायक रहे अमरमणि त्रिपाठी फिर से मुश्किलों में घिर गए हैं. कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ शिकंजा करना शुरू कर दिया है. दरअसल, अमरमणि 22 साल पहले बस्ती जिले में हुए बिजनेसमैन के बेटे के अपहरणकांड के मुख्य आरोपी हैं. इस केस में उनको 1 नवंबर को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वो पेश नहीं हुए. जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और अमरमणि को हाजिर कराने का आदेश दिया.
जब अमरमणि त्रिपाठी का कोई पता नहीं लगा तो पुलिस ने उन्हें फरार घोषित कर दिया. साथ ही घर पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया. फिलहाल, पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए 3 टीमों को लगाया है. उन्हें 16 नवंबर को गिरफ्तार करके कोर्ट के सामने हाजिर करने का आदेश भी बस्ती एसपी द्वारा दिए गए हैं.
बता दें कि अमरमणि के गोरखपुर में हुमायूंपुर दक्षिणी स्थित आवास पर बस्ती कोतवाली पुलिस ने शनिवार को कुर्की का नोटिस चस्पा किया था. यह कार्रवाई एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर हुई थी. अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में मुख्य आरोपी अमरमणि के कोर्ट में हाजिर न होने पर कुर्की का आदेश एक नवंबर को जारी हुआ था. अब मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होनी है.
बाहुबली की तलाश में पुलिस
कोर्ट की सख्ती के बाद अब बस्ती के एसपी ने अमरमणि त्रिपाठी की तलाश में एक विशेष टीम गठित की है. एसओजी और सर्विलांस सहित 3 टीमों को बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए लगाया है. भगोड़ा घोषित करने के साथ ही मकान पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया गया है.
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही अमरमणि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि रिहा हुए हैं. लेकिन अब वो 22 साल पुराने अपहरण कांड में फंसते नजर आ रहे हैं. अमरमणि के लगातार कोर्ट में पेश ना होने और बहाने बनाने के चलते कोर्ट ने बस्ती पुलिस को फटकार लगाई थी. साथ ही आदेश दिया था कि अमरमणि की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा पेपर में इश्तिहार निकला जाए और 16 नवंबर को इस पूरी कार्रवाई की पत्रावली को कोर्ट में पेश किया जाए.
क्या है मामला?
मालूम हो कि अमरमणि त्रिपाठी पर बस्ती कोतवाली में 22 साल पहले एक बिजनेसमैन के बेटे का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसकी सुनवाई बस्ती की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है. लेकिन मुख्य आरोपी अमरमणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश न होने के चलते इस मामले में आगे की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. जिस पर 16 अक्टूबर को कोर्ट के जज ने कड़ा रूख अपनाते हुए बस्ती एसपी को यह आदेश दिया कि वह हर हाल में अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश करे.
लेकिन बस्ती पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करने में असफल साबित हुई. जिसके बाद कोर्ट ने बस्ती के एसपी को फटकार लगाई और कहा कि गरीब अपराधियों को पकड़ने में पुलिस महकमा पूरी तत्परता से लग जाता है, पैरवी भी बड़ी ही तत्परता पूर्वक करता है. लेकिन जैसे ही किसी प्रभावशाली दुर्दांत अपराधी को पकड़ने की बात आती है तो पुलिस के कदम डगमगा जाते हैं.
बस्ती पुलिस की कार्य प्रणाली पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बस्ती पुलिस के इस ढुलमुल रवैए से फरार अभियुक्त की पेशी ना होने के चलते इस मामले में सुनवाई लगातार लंबित होती चली जा रही है. जिसके बाद पुलिस टीम ने अमरमणि के मिलने वाले संभावित ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वो नहीं मिले. इतना ही नहीं बस्ती पुलिस ने ये भी कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अभियुक्त फरार चल रहा है.
वहीं, अमरमणि त्रिपाठी के वकील ने खराब तबियत का हवाला देते मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. साथ ही कोर्ट से कहा कि कोर्ट पूरे केस को फिर से रिकॉल किया जाए. जिस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी को रिजेक्ट करते हुए कहा कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती. उन्हें हर हाल में कोर्ट में हाजिर ही होना पड़ेगा.
जानिए वो अपहरणकांड, जिसमें फंसे अमरमणि
आपको बता दें कि जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे.
इसके बाद से लगातार बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चल रहा है. वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे. जिस पर कोर्ट ने बस्ती के एसपी को आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें, लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर कोर्ट में पेश नहीं हुए.
जिसके बाद कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बस्ती पुलिस को धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के आदेश जारी किया और बस्ती पुलिस को यह भी कहा कि अमरमणि की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा पेपर में इश्तहार निकालकर उसकी पत्रावली 16 नवंबर को कोर्ट में पेश करें.