उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन जल्द ही गिरफ्तार हो सकती है. एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस चार दिन पहले शाइस्ता परवीन के काफी करीब पहुंच गई थी. शाइस्ता को लेकर एक बड़ा ऑपरेशन पुलिस की तरफ से चलाया गया था. पुलिस को प्रयागराज में शाइस्ता के होने की पुख्ता जानकारी मिली थी.
प्रयागराज से 15 किलोमीटर दूर अशरफ की ससुराल के पास शाइस्ता देखी गई थी. अशरफ की ससुराल प्रयागराज के हटुआ में है. सूत्रों की माने तो जब पुलिस की टीम रेड करने वहां पहुंची तो बुर्का पहने मुस्लिम महिलाओं ने पुलिस की टीम को घेर लिया. पुलिस आगे नहीं जा पाई और इसी का फायदा उठाते हुए शाइस्ता परवीन फरार हो गई.
मस्जिद से हुआ था अनाउंसमेंट
सूत्रों ने ये भी बताया कि जब लोगों को जानकारी मिली कि पुलिस की टीम दबिश देने आ रही है, तब मस्जिद से एक अनाउंसमेंट भी की गई. बाकायदा महिलाओं को घर से निकलने की अनाउंसमेंट की गई. इसी भीड़ का फायदा उठा कर शाइस्ता फरार हो गई. सूत्रों की माने तो गद्दी मुस्लिम समाज के लोग शाइस्ता की मदद कर रहे है.
मुंडी पासी से मिली थी शाइस्ता
इससे पहले यूपी पुलिस ने शाइस्ता का ठिकाना जानने के लिए नैनी जेल जाकर अतीक के वकील खान सौलत हनीफ से भी सवाल किए, जो अतीक का बड़ा राजदार है और उमेश पाल की किडनैपिंग के केस में उम्रकेद की सजा काट रहा है. इस बीच पुलिस को एक अहम जानकारी मिली है. शाइस्ता परवीन, उमेश पाल की हत्या से पहले मुंडी पासी से मिली थी.
अतीक का गनर भी शाइस्ता का मददगार
मुंडी पासी आपराधिक किस्म की महिला है और जमानत पर रिहा है. मुंडी पासी, शाइस्ता परवीन की मददगार मानी जा रही है. पुलिस कौशांबी बॉर्डर तक महिला मुंडी पासी और गनर की तलाश कर रही है. कभी पुलिस विभाग में रहा अतीक का गनर एहतेशाम भी शाइस्ता का मददगार है. पुलिस की कार्यवाही और छापेमारी का जानकर होने के नाते एहतेशाम का शाइस्ता परवीन को छुपाने में अहम रोल माना जा रहा है.
शाइस्ता की तलाश में छापेमारी
उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों के साथ शाइस्ता लगातार संपर्क में थी ये भी अब छिपी बात नहीं है. वो शूटरों को पैसा दे रही थी ताकि वो फरारी काट सके. इसके लिए उमेश पाल की हत्या के तुरंत बाद शाइस्ता ने ढहा दिए गए. अतीक के घर के अहाते में शूटरों के साथ मुलाकात की थी. शाइस्ता की तलाश मे यूपी पुलिस शहर शहर खाक छान रही है.
आसिफ उर्फ मल्ली की भी तलाश
शाइस्ता परवीन के साथ अशरफ की बीवी जैनब और बहन आयशा नूरी भी फरार है. शाइस्ता के कुछ और मददगारों के नाम भी पुलिस को पता चला है. इन्हीं में से एक है बमबाज गुड्डू मुस्लिम का शार्गिद आसिफ ऊर्फ मल्ली. मल्ली अभी फरार हो गया है. उसको गुड्डू मुस्लिम ने बम बनाना सिखाया था. मल्ली लगातार गुड्डू मुस्लिम की मदद कर रहा है.
अतीक का सबसे करीबी रहा है मल्ली
शाइस्ता परवीन को संरक्षण देने में भी मल्ली नाम सामने आ रहा है. धूमनगंज का रहने वाला आसिफ उर्फ मल्ली लंबे वक्त से अतीक से जुड़ा था. तीन साल पहले उसे गिरफ्तार भी किया गया था. अतीक के गैंग के टॉप टेन अपराधियों में मल्ली भी था. खैर शाइस्ता का ज्यादा वक्त तक कानून के शिकंजे से बचना मुश्किल है.