ऑनलाइन गेम की आड़ में बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने का मास्टरमाइंड शाहनवाज उर्फ बद्दो आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. शाहनवाज़ तक ठाणे पुलिस नए सिम कार्ड के जरिए पहुंची. ठाणे पुलिस को जानकारी मिली थी कि शाहनवाज ने नया सिम कार्ड लिया है और उसी का इस्तेमाल कर रहा है. ठाणे पुलिस ने नए सिम कार्ड की जानकारी निकाली.
इसमें शाहनवाज का लोकेशन रायगढ़ के अलीबाग इलाके निकली. इसके बाद ठाणे पुलिस की दो टीमें 10 जून की रात को अलीबाग के रवाना हुई. 11 जून की तड़के 3 बजे से लेकर सुबह 11.30 बजे तक ठाणे पुलिस ने अलीबाग के कई लॉज और कॉटेज को खंगाला. इसी दौरान शाहनवाज और उसका भाई उनके हत्थे चढ़ गया, जो नाम बदलकर लॉज में रह रहा था.
पहचान बदलकर छिप रहा था शाहनवाज
ठाणे पुलिस के मुताबिक, 31 मई की रात से फरार होने के बाद शाहनवाज हर जगह अपना नाम और पहचान छिपाकर रह रहा था. वर्ली इलाके में जब ठाणे पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की थी, तब भी उसको भनक लग गई थी और पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया था. पुलिस ने उस सिम कार्ड प्रोवाइडर को भी डिटेन किया है.
FIR दर्ज होते ही डर गया था शाहनवाज
आरोपी शाहनवाज ने पूछताछ में बताया कि FIR दर्ज होने के बाद से वह बेहद डर गया था. इसी डर के चलते वह 31 मई की रात को ही फरार हो गया था. उसे उसके खिलाफ दर्ज FIR की जानकारी मिल चुकी थी और उसकी कॉपी भी.
इन दो गेम के जरिए बच्चों का करते थे ब्रेन वॉश
इससे पहले पुलिस ने गाजियाबाद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था. शाहनवाज और अब्दुल रहमान, ऑनलाइन गेम के जरिये मासूम हिंदू नाबालिग बच्चों को टारगेट करके और उनका ब्रेन वॉश करके इस्लाम अपनाने पर मजबूर कर देते. इसके लिए दो ऑनलाइन गेम इस्तेमाल किये जाते थे- FORT NITE और valorant.
फर्जी आईडी से मुस्लिम लड़के बनते थे हिंदू
इन दोनों गेम को खेलने आने वाले लड़के इस गिरोह के निशाने पर थे. इनमें से कुछ की पहचान करके उनका कई चरण में ब्रेन वॉश किया जाता था. ऑनलाइन गेम फोर्ट नाइट पर बच्चे को घेरा जाता था. हिंदू नामों से मुस्लिम लड़के फर्जी आईडी से आते. हिंदू बच्चा गेम हारता, तब असली खेल शुरु होता. बच्चे से कहा जाता कि आयत पढ़ोगे तो जीतोगे.
आयतें पढ़वाकर जितवाया जाता था गेम
बच्चा आयत पढ़ता तो गेम में जीत जाता. साजिश के तहत बच्चे को जितवाया जाता था. एक के बाद एक आयतें पढ़वाकर जितवाते जाते. बच्चे को इस्लाम में भरोसा पक्का करते जाते थे. असली खेल बाद में शुरु होता था. बच्चा जब गिरफ्त में आ जाता तब उसको रेडिकलाइज किया जाता. उसको विवादास्पद धर्म गुरु जाकिर नाइक के वीडियो भेजे जाते.
यूरोप से लेकर पाकिस्तान तक का कनेक्शन
जाकिर नाइक के वीडियो बच्चे के दिमाग में जहर भरते थे. बच्चे को मस्जिद बुलाते और नमाज पढ़वाते थे. इस पूरे गिरोह के बारे में अभी कई और खुलासे होंगे. अभी से गिरोह के तार यूरोप से लेकर पाकिस्तान से जुड़े मिले हैं.
सिम देने वाले दोनों गिरफ्तार
शाहनवाज इतना शातिर था कि ऑनलाइन गेम पर फर्जी आईडी बनाने और इस्तेमाल करने के लिए उसने दो लड़कों से सिम ले लिया था और उसी का इस्तेमाल करता था. पुलिस ने शाहनवाज के भाई को सिम कार्ड देने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी पर आरोपी के पिता कैमरे के आगे रोते हुए माफी मांगते नजर आए.
पेशा- मौलवी, काम- धर्मांतरण
दूसरा आरोपी अब्दुल रहमान भी कम शातिर नहीं था वो एक मस्जिद में मौलवी था, लेकिन यहीं से अपना धर्मांतरण का असली खेल खेल रहा था. ऑनलाइन गेम के जरिये धर्मांतरण का ये तरीका सबसे नया है... खतरनाक भी क्योंकि इसके जरिये मां बाप की जानकारी के बगैर सीदे उनके बच्चों को टारगेट किया जाता है.