देश में इस समय हर तरफ डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जा रहा है. लोग डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. ऐसे में डिजिटल रिश्वतखोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको चौंका देगा.
कानपुर में एक सीमेंट व्यवसायी से उसका ट्रक रोककर कथित तौर पर जीएसटी अधिकारी बनकर पुलिसवालों ने 10000 की रिश्वत गूगल पे के जरिए ले ली. इसके बाद व्यापारी ने पुलिस कमिश्नर से इसकी शिकायत की.
कारोबारी की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर ने जिस खाते पर गूगल पे किया गया था उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. हैरानी की बात ये है कि एफआईआर दर्ज होते ही घूस में लिए हुए 10 हजार रुपये रिश्वत लेने वाले ने कारोबारी के अकाउंट में वापस कर दिया.
अब यह मामला कानपुर में चर्चा का विषय बना है. पुलिस घूस लेने वाले असली आरोपी की तलाश में जुट गई है. कानपुर के रहने वाले नवीन बड़े सीमेंट कारोबारी हैं, उनका एक ट्रक शुक्रवार की सुबह सीमेंट लेकर जा रहा था तभी रास्ते में एक बोलेरो सवार पुलिसकर्मियो ने गाड़ी रोक ली.
पुलिसकर्मी ने ली ऑनलाइन घूस
पुलिसकर्मियों ने बताया कि गाड़ी में जीएसटी अधिकारी बैठे हैं और आपकी गाड़ी के कागज मांग रहे हैं. गाड़ी में कुछ अधिकारी जैसे लोग बैठे हुए भी थे. लिहाजा ड्राइवर से कागज लेकर पुलिस वालों ने गाड़ी में बैठे अधिकारियों को दिखाया. इसके बाद कथित पुलिसकर्मियों ने कहा, कागज गलत है अब तुम्हारी गाड़ी जब्त की जाएगी. यह सुनकर ड्राइवर घबरा गया और उसने तुरंत मालिक नवीन को सूचना दी.
इसके बाद पुलिसवालों ने बताया कि अधिकारी 10 हजार रुपये घूस मांग रहे हैं. ड्राइवर के पास पैसा नहीं था इसलिए पुलिसवालों ने सेवालाल नाम के अकाउंट पर 10000 का गूगल पेमेंट व्यापारी से करवा लिया.
इसके बाद व्यापारी ने व्यापार मंडल के साथ जाकर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और पूरी कहानी बताई. कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत पनकी थाने में व्यापारी की तरफ से एफआईआर दर्ज करा दी.
मामले की हो रही है जांच: एसीपी
इस मामले में एसीपी निशांत शर्मा का कहना है वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है. जिस अकाउंट नंबर पर रिश्वत के पैसे लिए गए थे उसके आधार पर आरोपी की पहचान की जा रही है. वैसे पुलिस अभी यह नहीं साफ कर पाई है कि घूस लेने वाले वास्तव में सिपाही थे या कोई नकली सिपाही बनकर घुस ले रहा था.