उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए बवाल के बाद अब जमकर सियासी बयानबाजी देखने को मिल रही है. नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच सहारनपुर से कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संभल में पुलिस ने ही गोली चलाई, जिससे लोगों की जान गई, इसलिए पुलिसवालों पर हत्या का मामला दर्ज हो.
बकौल इमरान मसूद- पुलिस के ऊपर हत्या का मामला दर्ज किया जाए. क्योंकि, पुलिस ने ही गोली चलाई और लोगों की हत्या की. पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो. किसी के धर्म स्थल में घुसकर कोई नारे लगाएगा तो हंगामा होगा ही. मुझे तो लगता है पुलिसवालों ने ही सिविल ड्रेस में जाकर नारे लगाए थे. संभल में पुलिस बनाम मुसलमान हो रहा है.
गिरिराज सिंह ने कही ये बात
संभल की घटना पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने भी रिएक्ट किया. उन्होंने मांग की संभल से सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को गिरफ्तार किया जाए. दरअसल, बर्क पर पुलिस ने लोगों को उकसाने की एफआईआर दर्ज की है.
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि संभल में हिंसा साजिश के तहत हुई है. कोई संभल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश ना करे. संभल में राजनीतिक डेलिगेशन भेजकर एक बार फिर उकसाने की कोशिश की जा रही है. अखिलेश यादव और राहुल गांधी ऐसी घटनाओं पर राजनीति करते हैं.
अखिलेश ने भी साधा निशाना
वहीं, संभल की शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर सपा चीफ अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला. अखिलेश ने कहा कि जब एक बार सर्वे हो गया था तो दोबारा मस्जिद का सर्वे बिना तैयारी के क्यों कराया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि उपचुनाव में धांधली की चर्चा को रोकने के लिए बीजेपी सरकार ने जानबूझकर सर्वे की टीम को मस्जिद में भेजा है, ताकि मुद्दा डायवर्ट हो जाए.
क्या बोले संभल के सांसद?
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि ये घटना साजिश के तहत घटी है. अफसोसनाक है कि देश और प्रदेश में मुसलमान अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है. खुलेआम कानून-व्यवस्था और 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. संभल की घटना में जो अधिकारी शामिल है, जिन्होंने इस घटना को अंजाम देने का काम किया, जिन्होने नौजवानों की हत्या की है, जिन्होंने सरकारी और प्राइवेट असलहे से गोली चलाई है, उनपर हत्या का मुकदमा हो और उन्हें जेल भेजा जाए.
अपने उपर मुकदमा दर्ज होने के सवाल पर सपा सांसद ने कहा कि मैं घटना वाले दिन मौके पर नहीं था. बेंगलुरू गया हुआ था. लेकिन मुझ पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया. ये सरासर गलत है.
दरअसल, संभल हिंसा की FIR में जिक्र है कि 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के दौरान बिना प्रशासन की अनुमति के भीड़ को जुटाया और भड़काऊ बयानबाजी की और राजनीतिक लाभ लेने के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया.
रामगोपाल यादव का बयान
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि संभल में प्रशासन गलत कर रहा है. प्रशासन ने जानबूझकर ये अशांति फैलाई. प्रशासन ने ही लोगों को उकसाया... जब न्याय नहीं मिलेगा तो निराश होकर आदमी क्या करेगा? यही सब करेगा (पत्थरबाजी करेगा). न्याय मिलेगा तो अशांति नहीं होगी. जब न्याय नहीं मिलेगा तो आदमी कुछ न कुछ तो करेगा ही ना. 5 लोगों को मार दिया पुलिस ने... आखिर पुलिस के खिलाफ कोई मामला दर्ज क्यों नहीं?
हिंसा में चार लोगों की मौत
गौरतलब 19 नवंबर से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे किया गया था. यह सर्वे एक याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था. रविवार को सर्वे दल ने अपना काम शुरू किया, तो मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया. हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई.