अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कई खास से लेकर आम लोगों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं को न्योता दिया गया है. प्राण प्रतिष्ठा से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने अयोध्या की सुरक्षा को अभेद्य किले में बदल दिया है. इसके लिए एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद भी ली जाएगी.
अब यूपी पुलिस ने अयोध्या में 22 से 26 जनवरी को देखते हुए पुलिसकर्मियों के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
'22 से 26 जनवरी तक लागू रहेगा आदेश'
पुलिस मुख्यालय लखनऊ द्वारा जारी किए निर्देशों के अनुसार, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के वक्त संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, क्योंकि फोन का इस्तेमाल करते वक्त पुलिसकर्मी ड्यूटी पर ध्यान नहीं दे पाते. यह आदेश 22 से 26 जनवरी तक लागू रहेगा.
हर जोन में अलग होगी सुरक्षा
बता दें कि अयोध्या को सुरक्षा के लिहाज से कई जोन में बांटा जाएगा, जबकि रेड और येलो जोन की ड्रोन से निगरानी की जाएगी. साथ ही पुलिस ने कई कंपनियों ने पुलिस से संपर्क किया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के डेटाबेस पर काम करते हुए पूरे इलाके की सुरक्षा को और मजबूत करेंगी.
ऐसी है पीएम की सुरक्षा व्यवस्था
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान हैं. इसी के मद्देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. पीएम की सुरक्षा में तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ-साथ 1000 से ज्यादा कॉन्स्टेबल और 4 कंपनी पीएसी की तैनात की गई हैं. इसके अलावा एटीएस कमांडो और केंद्रीय सुरक्षाबल के जवानों को भी तैनात किया जाएगा.