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राम मंदिर ध्वज के साथ 13 हजार फीट की ऊंचाई से लगाई छलांग, प्रयागराज की बेटी ने रचा इतिहास

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस भव्य आयोजन के सम्मान में 22 साल की अनामिका ने ये ध्वज आसमान में 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया.

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अनामिका ने 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग कीर्तिमान स्थापित किया
अनामिका ने 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग कीर्तिमान स्थापित किया

संगम नगरी प्रयागराज की बेटी ने 13 हज़ार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रयागराज की अनामिका शर्मा ने बैंकॉक में आसमान से 13000 फीट की ऊंचाई से राम मंदिर के ध्वज के साथ छलांग लगाई. अनामिका के नाम स्कायडाइविंग के क्षेत्र में कई कीर्तिमान भी स्थापित हैं. 

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अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस भव्य आयोजन के सम्मान में 22 साल की अनामिका ने ये ध्वज आसमान में 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थापित कर महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज का नाम रोशन किया. 

महर्षि भारद्वाज विमान शास्त्र के रचयिता थे और पूरा विश्व महर्षि भारद्वाज के विमान शास्त्र का अनुसरण करता है. अनामिका ने थाइलैंड में सनातनी और धार्मिक श्री राम का ध्वज आकाश में फहराया. इसके चलते थाइलैंड के नागरिक भी उत्साहित हुए. क्योंकि थाईलैंड हनुमानजी को अपना रक्षक मानता है.

अनामिका की मां प्रियंका शर्मा ने कहा कि मुझे अपनी बेटी पर गर्व है. जब मुझे पता चला कि अनामिका ने ये काम किया है, जो एक लड़का भी इस उम्र में नही कर सकता, तो बहुत खुशी हुई. साथ ही कहा कि अब भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से ये संभव हुआ है और उसने 13 हज़ार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर ये कीर्तिमान स्थापित किया है. 

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वहीं, अनामिका भी प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बेहद उत्साहित है और उसने भगवान राम को अपने तरीके से सम्मान दिया है. अनामिका का कहना है कि प्रभु श्रीराम के कारण ही ये संभव हुआ है. वो चाहती है कि स्कायडाइविंग का क्रेज इस समय बहुत है, लेकिन ये अगर यूपी में भी हो तो लड़कियां और युवा ये हैरतअंगेज खेल कर सकते हैं. 

अनामिका के पिता अजय कुमार शर्मा सेना से रिटायर हैं. वो भी स्कायडाइविंग करते थे. उनकी बेटी भी अपने पिता से प्रभावित होकर बचपन से स्कायडाइविंग कर रही है. इस छोटी सी उम्र में वो कई बार आसमान से छलांग लगा चुकी है, लेकिन अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनामिका ने अपने तरीके से उन्हें संम्मान दिया है.

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