महाकुंभ (Mahakumbh Crowd News) में आस्था का सैलाब अगर उमड़ रहा है तो सबसे ज्यादा वीकेंड्स में यानी शुक्रवार से लेकर रविवार तक कुंभ क्षेत्र में तिल रखने तक की जगह नहीं मिल रही. यहां तक की बाहर से आने वाली गाड़ियां लंबे-लंबे जाम में फंस रही हैं. कई -कई किलोमीटर लोगों को पैदल चलना पड़ रहा है.
एक अनुमान के मुताबिक कुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) में आने वाले श्रद्धालुओं में शनिवार और रविवार को अचानक ही 25 से 40 फीसदी फीसदी तक वृद्धि देखी जा रही है. श्रद्धालु ज्यादातर सड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि ट्रेनें खचाखच भरी हैं और हवाई जहाज के टिकट आम लोगों के जेब पर बहुत भारी हैं. ऐसे में चाहे दिल्ली एनसीआर हो, चाहे मध्य प्रदेश के शहर हों या बिहार के लोग. सभी अपनी गाड़ी के साथ परिवार लेकर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक तक से लोग अपनी गाड़ियों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं.
शनिवार-रविवार को सभी गाड़ियों पर रोक
मेला प्रशासन ने शनिवार और रविवार के लिए सभी तरह के वाहन पास निरस्त कर रखे हैं यानी अगर कोई यह सोच रहा है कि उसने अपनी गाड़ी का पास बनवा रखा है और प्रयागराज आने पर उसकी गाड़ी को शहर में और मेला क्षेत्र में एंट्री मिल जाएगी तो उन्हें न सिर्फ निराश होना पड़ेगा, बल्कि भारी मुसीबत भी झेलना पड़ सकता है क्योंकि किसी तरह के पास मान्य नहीं होंगे वीकेंड्स पर. शनिवार और रविवार सभी तरह के वीआईपी मूवमेंट पर रोक है. कोई भी VIP एस्कॉर्ट गाड़ियों और सायरन के साथ वह संगम नोज पर नहीं आ सकता.
यहां पार्क करें अपने वाहन
यह सुविधा सिर्फ देश के कुछ बेहद ही बड़े VVIP के लिए अरेल घाट पर निश्चित की गई है, जहां के 5 नंबर घाट पर सुविधाएं दी जाती हैं. कुछ पार्किंग हैं, जहां बाहर से गाड़ियों से आने वाले लोग अपनी पार्किंग कर सकते हैं.
- बेला कछार पार्किंग (फाफामऊ-लखनऊ साइड से आने वाली गाड़ियों के लिए)
- नेहरू पार्किंग (कानपुर साइड से)
- अन्दवा पार्किंग (झूंसी-वाराणसी साइड से)
- नैनी पार्किंग (एमपी स्टेट साइड से आने वाले वहनों के लिए बनायी गई है, इसमें कुल 102 पार्किंग हैं)
मेला क्षेत्र डीएम विजय किरण आनंद ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि वीकेंड पर भीड़ बढ़ने से पार्किंग में समस्या आई थी, लेकिन अब पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था हो गई है. हमारे पास पांच लाख की पार्किंग क्षमता है, जिसमें रोजाना डेढ़ दो लाख गाड़ियां अब पार्क हो रही हैं. मुख्य स्नान और वीकेंड में 2 से 3 लाख गाड़ियां आसानी से पार्क हो सकती हैं.
मेला प्रशासन का कहना है कि सिर्फ प्रशासन के द्वारा निर्धारित पार्किंग में ही अपनी गाड़ियां पार्क करें.
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हैं कि वे आकर गाड़ी पार्क कर स्नान करें. घाट पर हमने विशेष इंतज़ाम किए हैं और पांटून पुल बंद रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो. हमारा उद्देश्य है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से स्नान कर सकें.
यह भी पढ़ें: डिब्बे के गेट खुलवाने अंदर बैठे यात्रियों को मारे बांस ही बांस... महाकुंभ की बेकाबू भीड़ का अमानवीय कृत्य
आंकड़ों से समझें वीकेंड के भीड़ के हालात
यूपी सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते शुक्रवार यानी 7 फरवरी को 84 लाख 7 हजार से ज्यादा लोगों ने स्नान किया. लेकिन अगले दिन यानी शनिवार 8 फ़रवरी को स्नान करने वालों का आंकड़ा 1 करोड़ 22 लाख रहा. वहीं, रविवार 9 फरवरी को ये आंकड़ा बढ़कर 1 करोड़ 47 लाख हो गया. फिर सोमवार 10 फरवरी को स्नान करने वालों का आंकड़ा गिरकर 99 लाख 80 हजार पर आ गया.
सरकार ने 40 से 45 करोड़ लोगों के आने की जताई थी संभावना
योगी सरकार ने 45 दिन के पूरे महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद जताई थी लेकिन अभी महाकुंभ का 1 महीना भी पूरा नहीं हुआ और माघी पूर्णिमा के पहले ही यानी 11 फरवरी को ही 40 करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंच चुके हैं. 11 फरवरी को रात 8 बजे तक का जो आंकड़ा सरकार ने जारी किया, उसके मुताबिक 44 करोड़ 70 लाख श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं.
राज्य के डीजीपी प्रशांत कुमार ने तो बाकायदा बयान जारी कर कहा की तीनों शाही स्नान के बाद हमें उम्मीद थी की भीड़ कम होगी. लेकिन लोगों की भीड़ हमारी व्यवस्था पर भारी पड़ रही है. प्रयागराज जोन के एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि वीकेंड्स में आने वालों का प्रेशर काफी बढ़ जा रहा है. महाकुंभ को लेकर लोगों में उत्साह है. ऐसे में ऑफिसों में काम करने वाले लोग 2 दिन की छुट्टी मिलते ही महाकुंभ आ रहे हैं.
यह भी पढ़ें: जाम का दरिया है, जूझ कर जाना है... प्लेन, रेल और सड़क, महाकुंभ पहुंचना कितना मुश्किल? जानें- कैसे कम होगी ये भीड़
मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण का कहना है कि यह बात हम भी समझ पा रहे हैं कि वीकेंड में भीड़ ज्यादा आ रही हैं. हमें भी लगा था कि तीनों अमृत स्नान के बाद भीड़ कम हो जाएगी. लेकिन बढ़ रही है. लोगों ने शायद यही सोचा होगा अमृत स्नानों के बाद भीड़ कम होगी और सभी एक साथ आ गए.
सरकार का कहना है कि वह हर श्रद्धालु का स्वागत करेगी. वह चाहे हफ्ते के किसी दिन आए. मेला प्रशासन का कहना है कि वीकेंड में सबसे ज्यादा दिल्ली एनसीआर से लोग आ रहे हैं. यही वजह है कि कानपुर से प्रयागराज आने वाली सड़क पर सबसे लंबा जाम मिल रहा है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा- पंजाब से आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु शुक्रवार से रविवार के बीच यात्रा कर रहे हैं.
इसमें ज्यादातर लोग शुक्रवार को ऑफिस का काम निपटाकर प्रयागराज के लिए निकल पड़ते हैं. पूरी रात गाड़ी चलाकर जब प्रयागराज के नजदीक पहुंचते हैं तो लंबा जाम उनका इंतजार कर रहा होता है. कई परिवार दो- दो रात गाड़ियों में गुजारकर पिछले दिनों प्रयाग पहुंचे और स्नान किया.
प्रयागराज में घुसने वाले सभी मार्गों के किनारे बड़े-बड़े पार्किंग बनाए गए हैं. वाहन शहर में न घुसें बल्कि शहर के किनारे पार्क हो इसकी व्यवस्था की गई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश सरीखे अधिकारियों को प्रयागराज के इस जाम से निपटाने का जिम्मा दिया गया है.
महाकुंभ में अब 46 करोड़ लगा चुके हैं डुबकी
DGP प्रशांत कुमार ने कहा बुधवार को महाकुंभ 2025 का पांचवां स्नान है. अभी महाशिवरात्रि का स्नान होना बाकी है. मौनी अमावस्या के दिन एक गलती हुई थी, उससे सीख लेते हुए हम इस पर काम कर रहे हैं कि और बेहतर प्रबंधन कैसे हो. हमने एक प्रबंधन तकनीक अपनाई, जिसका नतीजा है कि महाकुंभ में अब तक 46 से 47 करोड़ लोग आ चुके हैं.
बुधवार 10 बजे तक 1 करोड़ 3 लाख लोगों ने स्नान किया है. प्रयागराज के अलावा हमारा ध्यान चित्रकूट, काशी विश्वनाथ मंदिर, विंध्याचल मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर है. हमने लखनऊ में वॉर रूम बनाया है. हमारे 2500 से ज्यादा कैमरे एक्टिव हैं. रेलवे मुख्य स्नान वाले दिन 400 से ज्यादा ट्रेनें चला रहा है और करीब 350 ट्रेनें रोजाना चलाई जा रही हैं.