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प्रयागराज महाकुंभ 2025: वैष्णव अखाड़ों की पेशवाई, गाजे-बाजे के साथ साधुओं ने किया नगर प्रवेश

बुधवार को प्रयागराज महाकुंभ में अखिल भारतीय वैष्णव तीनों अनी अखाड़ों ने नगर प्रवेश किया. इन तीनों अखाड़ों की पेशवाई केपी इंटर कॉलेज मैदान से निकाली गई, जिसमें गाजे-बाजे के साथ साधुओं ने नगर प्रवेश किया.

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 वैष्णव अखाड़ों की पेशवाई.
वैष्णव अखाड़ों की पेशवाई.

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में आज तीन अखिल भारतीय वैष्णव तीनों अनी अखाड़ों ने नगर प्रवेश किया. इन अखाड़ों ने आज पूरे गाजे-बाजे और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के साथ अपनी छावनी में प्रवेश किया.

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तीनों अखाड़ों की पेशवाई केपी इंटर कॉलेज मैदान से निकाली गई थी. किसी भी अखाड़े के नगर प्रवेश में सबसे आगे घुड़सवार पुलिस वाले होते हैं जो एक कतारबद्ध तरीके से अखाड़े के आगे एक ढाल की तरह चलते हैं. 

पुलिस की घुड़सवार टुकडी के पीछे अखाड़े के हाथी का जत्था मौजूद रहता है, जिस पर अखाड़ों की अग्रिम सेना सवार होती है. ये वह साधु होते हैं जो अखाड़ों के रक्षक दल में शामिल होते हैं. इनके पीछे ऊंटों पर सवार अखाड़ों का दूसरा जत्था होता है जो अखाड़े के दूसरी पंक्ति के साधु होते है. जिसे सुरक्षा की दूसरी लेयर कहा जाता है.

इनके पीछे फिर अखाड़ों का अपना घुड़सवार दल रहता है जो भाले और बरछी जैसे हथियारों से लैस होते हैं. उसके बाद बैंड बाजे और फिर नाचते गाते अखाड़े के साधुओं का पैदल जत्था होता है. हर अखाड़े के प्रवेश का अपना एक निश्चित समय और तरीका होता है. हर अखाड़े की अपनी एक खासियत होती है जो कुंभ के समय नगर प्रवेश करते वक्त प्रदर्शित किया जाता है.

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वहीं, एक साधु ने बताया कि ये हमारे अखाड़ों की पेशवाई है और इसके जरिए हमारे साधु नगर प्रवेश करेंगे. इसके बाद हमारा कुंभ शुरू हो गया है. अब हम यहां एक महीने रहेंगे. हम लोग अखाड़े में प्रवेश करने के बाद शाही स्नानों की तैयारियां शुरू करेंगे.

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