उत्तर प्रदेश में कभी अतीक अहमद का जलवा था. उसके नाम का रुआब था. मगर वक्त का सितम देखिये इस वक़्त पूरी फैमिल यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड है. इस वक्त यूपी पुलिस और एसटीएफ की 22 टीमें अतीक अहमद की फैमिली के साथ-साथ उमेश पाल हत्याकांड के एक-एक शूटर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है. इस बीच बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ की पत्नी जैनफ फातिमा ने आजतक से बातचीत कर कई तरह के दावे किए और अपने पति को फंसाने का आरोप लगाया.
जैनफ फातिमा ने कहा कि अशरफ का इस हत्याकांड में कोई हाथ नहीं है. फर्जी उनको फसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद (प्रयागराज) हत्याकांड हुआ और कनेक्शन बरेली जेल से जोड़ दिया गया. मेरी अशरफ से बात नहीं हुई है और न ही उनके पास फोन है. एक साल पहले बच्चों को लेकर मैं जेल में उनसे मिलने गई थी.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुझसे पूछताछ की और शाइस्ता व असद के बारे में पूछा, मुझे दोनों के बारे में जानकारी नहीं है. मैं अपने मायके में थी, चकिया में. अशरफ से मेरी शादी 9 साल पहले हुई थी. असद को मैंने बड़े-बड़े बालों में ही देखा है. हत्याकांड के दौरान आई असद की फोटो पर वह बोलीं कि मैंने तो उन्हें बड़े बालों में ही देखा था, मुझे आइडिया नहीं कौन है वो.
'मेरे भाई के ऊपर भी मुकदमा लिखा दिया गया'
फातिमा ने कहा कि यूपी पुलिस किसी का भी नाम जोड़कर एनकाउंटर कर दे रही है. मेरे सगे भाई सद्दाम के ऊपर भी बरेली में मुकदमा लिख दिया गया है. मैं खुद बहुत परेशान हूं. मेरे पति अशरफ पर बरेली जेल में ही फर्जी मुकदमा लिख दिया है. मेरी मां की तबियत नवंबर से खराब चल रही थी, सद्दाम तबसे इलाहाबाद में उनकी सेवा कर रहा था. आप पता लगा सकते हैं की सद्दाम मेदांता भी गया था. मेरा भाई सद्दाम 5 महीने से बरेली गया भी नहीं. उसके दोस्तो को भी फंसा दिया गया है.
सीएम योगी हमें न्याय देंगे- फातिमा
अतीक अहमद की भाभी ने कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ का कोई लेना देना नहीं है. पुलिस और एसटीएफ फर्जी मुकदमा लिख रही है. पहले भी एसटीएफ एनकाउंटर कर चुकी है. किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से उमेश पाल हत्याकांड की जांच हो, जिससे सही लोगों को पकड़ा जाए. मैं अमित शाह को पत्र लिखूंगी, उनसे मिलने जाऊंगी, सीएम योगी हमें न्याय देंगे.
'अखिलेश जी ने हमारी खबर भी नहीं ली'
उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह) ही मेरे पति के आदर्श रहे हैं. उसके बाद से पार्टी (सपा) से कोई मदद नहीं मिली, सपा से विधायक रहे अशरफ लेकिन अखिलेश जी ने हमारी खबर भी नहीं ली, उनसे बहुत उम्मीद थी. पुलिस तो सरकार की ही है, पर पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि पुलिस महिलाओं को उठाकर ले जाए. मेरे बच्चों के सामने मुझे टॉर्चर किया गया.
अतीक अहमद की पत्नी के बारे में उन्होंने कहा कि शाइस्ता से आखिरी बार जनवरी में मुलाकात हुई थी. असद (अतीक का फरार बेटा) से काफी वक्त से मुलाकात नहीं हुई. असद मुझे वीडियो में पहचान में नहीं आ रहा है. शाइस्ता पर जो आरोप हैं, गलत हैं.
राजू पाल हत्याकांड पर उन्होंने कहा कि उस वक्त तो मेरी शादी भी नहीं हुई थी. मुझे कोई जानकारी नहीं है. इलाहाबाद में जो भी होता है, उसमें भाई साहब अतीक और मेरे पति का नाम जोड़ दिया जाता है. इलाहाबाद में जो घटना हुई वह दुखद है.
क्या है उमेश पाल हत्याकांड
गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की बम और गोलियों से हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल जैसे ही घर लौट रहे थे, अतीक के शूटरों ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी जान ले ली. इस शूटआउट में उमेश पाल के साथ-साथ उनकी सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र भी मारे गए. पुलिस ने उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता, असद समेत दो बेटे और कई शूटरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है.