उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड का और सीसीटीवी सामने आया है. इसमें देखा जा सकता है कि सिपाही राघवेंद्र को गुड्डू मुस्लिम ने बम फेंककर मारा. बम ब्लास्ट होने के बाद सिपाही राघवेंद्र जमीन पर गिर गया. उसी दौरान आसपास भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. लोगों ने जब सिपाही को घायल पड़े देखा तो उन्होंने सहारा देकर जान बचाने की कोशिश की.
जानकारी के अनुसार, ये वीडियो 24 फरवरी का है. इसी दिन बम और गोलियों से यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस मामले से जुड़े कई सीसीटीवी सामने आ चुके हैं. अब जो नया वीडियो सामने आया है, उसमें साफ दिख रहा है कि सिपाही राघवेंद्र जान बचाकर घर में घुस गया था. उसी दौरान पीछे से गुड्डू मुस्लिम ने बम से हमला कर दिया.
बम फटते ही राघवेंद्र जमीन पर गिर गया. आसपास घरों की महिलाओं ने जब धमाके की आवाज सुनी तो वे बाहर झांककर देखने लगीं. महिलाओं ने जैसे ही देखा कि सिपाही पर बम से हमला हुआ है तो वे दहशत में आ गईं. इसके बाद कुछ लोगों ने सिपाही की जान बचाने की कोशिश की. सिपाही राघवेंद्र को सहारा देकर उठाया और घर में ले गए.
लखनऊ में इलाज के दौरान राघवेंद्र ने तोड़ दिया था दम
घायल दूसरे सिपाही राघवेंद्र को इलाज के लखनऊ ले जाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान अस्पताल में राघवेंद्र ने दम तोड़ दिया था. पीजीआई निदेशक आरके धीमान ने सिपाही की मौत की पुष्टि की थी.
यहां देखें वीडियो
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने शूटआउट के साजिशकर्ता के तौर पर सदाकत नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जबकि ड्राइवर अरबाज और विजय चौधरी नाम के एक शूटर को ढेर करने में कामयाब हुई है. लेकिन सच्चाई यही है कि इस केस के ज्यादातर शूटर अब भी पुलिस की रडार से बाहर हैं. इनमें असद, मोहम्मद गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर शामिल हैं. अब पुलिस ने इन पर इनाम की रकम बढ़ा कर पांच लाख कर दी है, लेकिन ये कहां छुपे हैं? फिलहाल इसकी कोई पुख्ता जानकारी पुलिस के पास नहीं है.
कौन है बमबाज गुड्डू मुस्लिम?
गुड्डू मुस्लिम कभी श्रीप्रकाश शुक्ल की परछाई बन गया था
साल 1997 में गुड्डू ने गेम टीचर फैड्रिक्स जे गोम्स की हत्या की थी
गुड्डू ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया था
जेल में बंद गुड्डू की अतीक अहमद ने जमानत कराई थी
जमानत के बाद अतीक का गुर्गा बन गया
गुड्डू मुस्लिम के कई माफियाओं से संबंध
बिहार के माफियाओं से भी जुड़े तार
बम बनाने में माहिर है गुड्डू मुस्लिम
आरोपियों पर पुलिस ने बढ़ा दी है इनाम की राशि
साबरमती जेल में बंद है हत्याकांड का मास्टरमाइंड अतीक अहमद
साबरमती जेल में बंद उमेश पाल हत्याकांड के मास्टरमाइंड कहे जा रहे गैंगस्टर अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसके भाई गैंगस्टर अशरफ के अब पुलिस के नाम से ही पसीने छूट रहे हैं. इस बीच पुलिस को पता चला है कि अतीक ने जेल से बैठे-बैठे से ही पिछले दिनों सूबे के एक प्रभावशाली राजनेता को फोन कर अपनी बात रखने की कोशिश की थी, लेकिन इसे पुलिस का खौफ कहिए या फिर कुछ और, उस नेता ने अतीक को कोई तवज्जो नहीं दी और उसका फोन काट दिया.
अतीक और अशरफ ने एनकाउंटर का डर सताने की कही थी बात
पिछले कुछ दिनों के अंदर अतीक और अशरफ ने खुद को इस मामले में पाक साफ दिखाने की कोशिश करने के साथ-साथ अदालत में अर्जी दाखिल कर बाकायदा खुद के एनकाउंटर का डर सताने की बात कही है. जबकि यूपी पुलिस अब एक-एक कर दोनों भाइयों से पूछताछ की तैयारी कर रही है.
अतीक ने मदद मांगने के लिए किस नेता को किया था कॉल?
सूत्रों के मुताबिक, अतीक ने जिस नेता को फोन किया था, वो पहले माफिया अतीक अहमद के संपर्क में था और अतीक ने शूटआउट के बाद उससे मदद मांगने की कोशिश की थी. इसी कड़ी में अतीक ने इस सफेदपोश को फेसटाइम पर कई बार कॉल किया. लेकिन नेता ने फेसटाइम पर बात नहीं की. तब अतीक ने उसे नॉर्मल कॉल किया और इत्तेफाक से ये कॉल उस नेता ने उठा लिया.
बताते हैं कि जैसे ही कॉल उठा तो अतीक ने अपना फोन ना उठाने की शिकायत की. अतीक ने कहा कि उसने अब तक उन्हें कम से कम पचासों बार कॉल किए हैं, लेकिन वो बात नहीं कर रहे हैं. ऐसा क्यों? दूसरी ओर से अतीक की आवाज सुनते ही उस नेता फौरन अपना फोन काट दिया था.
फिलहाल इस मामले में एसटीएफ को प्रयागराज के 3 बड़े नेताओं पर शक है. एसटीएफ अब उन नेताओं से पूछताछ कर सकती है. उनसे अतीक के रिश्तों की भी नए सिरे से पड़ताल हो सकती है. यूपी पुलिस और एसटीएफ की 22 टीमें अतीक अहमद की फैमिली के साथ-साथ उमेश पाल हत्याकांड के एक-एक शूटर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है.
अशरफ की पत्नी ने कहा- एक साल पहले बच्चों को लेकर जेल में मिलने गई थी
बता दें कि बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा ने आजतक से बातचीत करते हुए कई दावे किए थे और अपने पति को फंसाने का आरोप लगाया था. जैनब फातिमा ने कहा है कि अशरफ का इस हत्याकांड में कोई हाथ नहीं है. उसे फर्जी फंसाया जा रहा है. प्रयागराज में हत्या हुई और कनेक्शन बरेली जेल से जोड़ दिया गया. उसकी अशरफ से बात नहीं हुई है और न ही अशरफ के पास फोन है. जैनब का कहना है कि एक साल पहले बच्चों को लेकर वह जेल में उनसे मिलने गई थी.
अशरफ की पत्नी जैनब से पुलिस ने की थी पूछताछ
अशरफ की पत्नी जैनब ने कहा है कि पुलिस ने उससे पूछताछ की और शाइस्ता और असद के बारे में भी पूछा. हालांकि उसे दोनों के बारे में जानकारी नहीं है. जैनब ने कहा कि अशरफ से उसकी शादी 9 साल पहले हुई थी. असद के बारे में पूछे जाने पर जैनब का कहना था कि उसे मैंने उसे बड़े-बड़े बालों में ही देखा है. हत्याकांड के दौरान सामने आई तस्वीर पर उसने कहा कि उसे पता नहीं कि वो तस्वीर किसकी है, क्योंकि असद हमेशा बड़े बालों में ही रहता है.
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में की गई थी उमेश की हत्या
बता दें कि 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस शूटआउट में उमेश पाल के साथ ही उनकी सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र भी मारे गए थे. पुलिस ने उमेश की पत्नी जया पाल की शिकायत पर अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता, असद समेत दो बेटे व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.