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काशी में देव दीपावली की तैयारी, अभेद्य सुरक्षा के बीच 70 वॉच टावरों से होगी घाटों की निगरानी

बनारस में देव दीपावली का त्योहार बड़ी दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के बाद नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसको लेकर काशी में सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार किया गया है.

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फाइल फोटो.
फाइल फोटो.

उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी काशी (बनारस) में देव दीपावली को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. उम्मीद है कि 10 लाख की संख्या में पर्यटक आएंगे. इसको देखते हुए काशी को अभेद्य किला बनाने की कवायद अभी से शुरू कर दी गई है. काशी के 84 घाटों को 9 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. 

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बनारस की गलियों में तैनात होंगी क्यूआरटी की 20 टीमें

डीसीपी आरएस गौतम ने बताया कि देव-दीपावली के दौरान सात घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ने की संभावना है. इनमें अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, अहिल्याबाई घाट, राजघाट, चेतसिंह घाट, नमो घाट और पंचगंगा घाट शामिल हैं. घाटों की सुरक्षा के लिए पहले से ही पूरा प्लान तैयार किया गया है. साथ ही घाटों से लगने वाली संकरी गलियों में भी बड़े स्तरों पर फोर्स का डिप्लॉयमेंट किया जाएगा.

इसके अलावा अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) की 20 टीमें तैनात रहेंगी. साथ ही 11 विशेष टीमें लाउड हेलर के साथ घाटों पर पेट्रोलिंग के लगाई जाएंगी. इतना ही नहीं काशी के 17 प्रमुख घाटों पर एंटी रोमिया स्क्वॉड की टीमें भी होंगी. साथ ही साथ हर घाट पर महिला पुलिसकर्मियों की टीम मौजूद रहेगी. इसके अलावा 16 गोताखोरों का दस्ता उपलब्ध रहेंगे. 

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए 11 पिंक बूथ

देव दीपावली पर पर्यटकों को घाटों के भव्य नजारे दिखाने के लिए गंगा में लगभग 1200 नौकाएं संचालित होंगी. इसको लेकर नाविकों के साथ बैठक की गई है और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. इसके अलावा भीड़ प्रबंधन के लिए शहर के पांच स्थानों पर बैरिकेडिंग की जाएगी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 11 पिंक बूथ होंगे. वहीं, 7 स्थानों राजघाट, नमो घाट, रामनगर के हनुमान मंदिर, बंगाली टोला इंटर कॉलेज, डुमरांव बाग, गोदौलिया चौराहा और रामापुरा चौराहा पर इंटीग्रेटेड इमरजेंसी हेल्पडेस्क भी स्थापित किए जाएंगे. इनमें चिकित्सा, पुलिस, ट्रैफिक, फायर ब्रिगेड, संचार कर्मी और खोया-पाया के लिए सहायता कर्मी होंगे.

डीसीपी आरएस गौतम
डीसीपी आरएस गौतम

एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड और इंटेलिजेंस की टीमें भी रहेंगी तैनात

डीसीपी ने आगे बताया कि देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए भी अलग से सुरक्षा रणनीति बनाई गई है. काशी की अभेद्य सुरक्षा के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड की टीमों की तैनाती होगी. सादे वेश में इंटेलिजेंस के जवान मौजूद रहेंगे. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट और राजघाट पर एनडीआरएफ और नगर निगम की ज्वाइंट टीमें जल एंबुलेंस के साथ मौजूद रहेंगी. साथ ही साथ जल पुलिस की पांच टीमें भी लगातार गंगा नदी में पेट्रोलिंग करती रहेंगी. इनमें ड्रैगन लाइट, लाउड हेलर, बचाव उपकरण और वायरलेस सेट की उपलब्धता रहेगी.

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70 वॉच टावरों से होगी घाटों की निगरानी

उन्होंने आगे बताया कि वाराणसी पुलिस ने देव दिवाली के त्योहार के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है.  70 वॉच टावरों से भीड़ पर नजर रखी जाएगी. वॉच टावर बनाने का काम शुरू हो गया है. देव दीपावली महोत्सव के दिन एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा मोर्चा संभालेंगे. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ड्रैगन लाइट और लाउड हेलर के साथ संचार के लिए आरटी सेट दिए जाएंगे. सुरक्षा के मद्देनजर मैंने पूरी टीम के साथ गंगा घाटों का निरीक्षण किया है. 

वहीं, होटल व्यवसाई मोनू सिंह ने बताया कि देव दीपावली को लेकर बनारस के ज्यादातर होटलों और नावों में बुकिंग हो गई है. इस दिन 10 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है. उम्मीद है कि सिर्फ देव दीपावली के चलते होटल कारोबार 200 करोड़ रुपए का होगा. वाराणसी में छोटे-बड़े होटल मिलाकर करीब 1000 होटल हैं. ये अगले कुछ महीनों तक पूरी तरह बुक हो चुके हैं. कोरोनाकाल की मार देव दीपावली और विश्वनाथ कॉरिडोर ने भरपाई हो जाएगी.

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