यूपी के देवरिया हत्याकांड का मामला गरमा गया है. विपक्ष के हमले के बीच योगी सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. इस मामले में प्रेमचंद्र यादव और उनके परिजन के घर पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है. अखिलेश ने एक्स पर लिखे पोस्ट में योगी सरकार को इशारों में एहतियात बरतने की सलाह दी है और शांति बनाए रखने की दिशा में कदम उठाने की अपील की.
बता दें कि देवरिया कांड में अब प्रेम यादव के घर पर बुल्डोजर चलाए जाने की तैयारी है. प्रशासन की तरफ से प्रेम यादव के घर के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें अवैध निर्माण का जिक्र किया गया है. नोटिस में लिखा है कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर अवैध तरीके से पक्का निर्माण कर कब्जा किया गया है. 7 अक्टूबर को तहसीलदार की कोर्ट में पेश होकर कारण बताओ नोटिस का जवाब देना होगा. अन्यथा तहसील प्रशासन एकपक्षीय आदेश जारी करेगा और तय अवधि में अतिक्रमित जमीन या मकान के हिस्से को ढहा दिया जाएगा.
'वातावरण को तनावमुक्त रखें'
प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. अखिलेश ने लिखा, देवरिया कांड में अगर किसी भी पक्ष के साथ अन्याय हुआ तो ये भी एक अपराध होगा. शासन-प्रशासन का दायित्व है कि वो वातावरण को तनावमुक्त करे और रखे. ऐसा कोई भी काम ना करे, जो माहौल बिगाड़े. शांति की कोशिश का अंत किसी की हत्या या हत्या का प्रतिकार नहीं हो सकता और ना ही ऐसी वारदातें किसी सत्ता के लिए सियासी फायदा उठाने का मौका होनी चाहिए.
'जमीन को लेकर दोनों पक्षों में चल रहा था विवाद'
बता दें कि राजस्व टीम ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव समेत पांच आरोपियों के मकान पर बेदखली का नोटिस चस्पा किया है. दो दिन पहले ही लेखपाल ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 के तहत तहसीलदार कोर्ट में 5 के खिलाफ वाद दाखिल किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. गौरतलब है कि फतेहपुर ग्राम के लेड़हा टोला के रहने वाले सत्य प्रकाश दुबे और अभयपुर टोला के रहने वाले प्रेमचंद यादव के बीच जमीन का विवाद चल रहा था. इसमें सत्य प्रकाश के के छोटे भाई ज्ञान प्रकाश ने अपने हिस्से की जमीन प्रेम चंद को बैनामा कर दी थी. इसी को लेकर आए-दिन दोनों पक्ष में झड़प हो रही थी.
'सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत थी'
सत्य प्रकाश की तरफ से तहसील और पुलिस-प्रशासन में शिकायत की गई थी कि प्रेम यादव ने सरकारी जमीन पर मकान खड़ा करवा लिया है. ये जमीन वन विभाग और सरकारी स्कूल की है. पुलिस- प्रशासन में अच्छी पकड़ होने के चलते फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण किया दिया जाता है.
'20 अभियुक्तों को जेल चुकी पुलिस'
2अक्टूबर को फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद में पहले प्रेम यादव की हत्या की गई. उसके प्रतिशोध में सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के 5 सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. मामले में सत्य प्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता की तहरीर पर पुलिस ने 27 नामजद और 50 अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी. कुल 20 अभियुक्तों को जेल भेज दिया है. घटना के बाद जब मामला सुर्खियों में आया तो आनन-फानन में इन सभी आरोपियों के मकान और जमीन की पैमाइश कराई गई, जिसमें यह सामने आया कि आरोपियों ने सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से अतिक्रमण किया था और कुछ हिस्से में पक्के मकान बनाये गए हैं.
'7 अक्टूबर को पेश होकर जवाब देना होगा'
तहसील प्रशासन प्रेम यादव के घर पहुंचा और नोटिस दिया, लेकिन घरवालों ने उसे लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 67 क के तहत 5 अभियुक्तों के मकानों पर बेदखली का नोटिस चस्पा किया गया है. इसमें प्रेम यादव के पिता राम भवन के नाम से दो, भाई राम जी यादव, उनके चाचा परमहंस यादव, गोरख यादव समेत कुल 5 के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. तहसील प्रशासन ने 7 अक्टूबर को कक्ष संख्या 2 में साक्ष्य के साथ प्रस्तुत होने के लिए कहा है. मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय ने बताया कि बेदखली के लिए नायब तहसीलदार द्वारा नोटिस चस्पा किया गया है.
(देवरिया से राम प्रताप सिंह का इनपुट)