उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक गांव ऐसा है, जहां लोग घर पर दाल बनाने से डरते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यहां का पानी इतना खारा है कि इससे ना तो नाह सकते हैं और ना ही कपड़े धो सकते हैं. जानवर भी इस पानी को पीने से डरते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि साल में कुछ ही दिन अच्छी दाल बन पाती है, वो भी तब जब गांव के बाहर बने कुएं से पानी लाया जाता है. गांव में अब 'हर घर जल योजना' की पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है. प्रशासन का दावा है कि जल्द ही गांव वालों को मीठा पानी मिलने लगेगा. लेकिन अभी मौजूदा समय में बांदा के जल संस्थान विभाग द्वारा गांव में जगह जगह पानी दिया जा रहा है.
खारे पानी की समस्या से ग्रामीण हैं परेशान
दरअसल जिला मुख्यालय से कुछ ही दूर पर केन नदी किनारे अछरौड़ गांव है, जहां की आबादी लगभग पांच हजार है. शहर के करीब होने के बावजूद ग्रामीण मूलभूत समस्याओं से परेशान है. गांव में दर्जन भर से अधिक हैंडपंप लगे हैं, जिसमें से बेहद खराब पानी आता है. कुएं का मीठा पानी लेने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इसके अलावा जल संस्थान द्वारा बने ट्यूबवेल के नलों में पानी भरने की भीड़ लगी रहती है.
गांव की महिलाओं ने बताया कि यहां पानी की बड़ी समस्या है. गांव में लगे नल खराब हैं और जो पानी मिल रहा है वो भी बहुत खारा है. इस पानी को जानवर भी नहीं पी पाते हैं. दाल बनाते हैं तो पकती नहीं है, अगर दाल बनानी है तो कुछ दूर बने कुओं से पानी लाना पड़ता है. खारे पानी की वजह से बर्तन भी खराब हो जाते हैं. ग्रामीणों को दूर से पानी डिब्बों में भरकर लाना पड़ता है. हम चाहते हैं कि सरकार हमारी इस समस्या का समाधान जल्द करें. गांव में जहां भी नल लगा है वहां से सिर्फ खारा पानी ही निकलता है.
घर पर दाल बनाने के लिए लाना पड़ता है कुओं से पानी
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भूपेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में खारे पानी की समस्या है, समस्या से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा हर घर जल योजना का काम कराया जा रहा है, जो कुछ दिन में पूरा हो जाएगा. गांव में यदि कही कोई ट्यूबवेल या बोर कराया जाता है तो खारा पानी निकलता है. इसलिए अभी गांव वाले को कुओं से मीठा पानी लेने जाना पड़ता है. इसके साथ साथ जल संस्थान के बोर से भी लोगों को पानी दिया जा रहा है. खारे पानी की वजह से दाल नहीं पकती, कई हैंडपंप भी खराब हैं.
गांव में चल रहा है 'हर घर जल योजना' की पाइप लाइन बिछाने का काम
जल संस्थान के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को हमने विकास के अफसरों संग गांव का निरीक्षण किया. गांव वालों ने बताया कि जो हैंडपंप लगे हैं तो खारा पानी आता है. जिस पर हम नलकुप से पानी दे रहे हैं, जिसके पानी को हमने लखनऊ से चेक भी कराया. जल जीवन मिशन के तहत गांव में काफी काम पूरा किया जा चुका है, पानी की टंकी से लगाकर पाइप भी बिछाए जा चुके हैं. 31 मई तक काम पूरा हो जाएगा, जिससे जलापूर्ति होने लगेगी. अभी जो कि जा रही है वह जल संस्थान द्वारा किया जा रहा है.