ईद से पहले अंतिम जुमे की नमाज यानी अलविदा की नमाज के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में नमाजियों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया. इस दौरान कई नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर और हाथों में तख्ती लेकर विरोध जताया. उनका कहना था कि वे इस बिल को लागू नहीं होने देंगे.
दरअसल, शुक्रवार को जब लोग अलविदा की नमाज के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे, तो उनमें से कई ने पहले से ही अपनी बाहों पर काली पट्टी बांध रखी थी. कुछ लोग मस्जिद में प्रवेश करते समय और बाहर निकलते वक्त काली पट्टी बांधकर विरोध जताते नजर आए. सैयद सलमान अली नामक युवक ने अपने हाथों में एक तख्ती ले रखी थी, जिस पर लिखा था 'We Reject Waqf Amendment Bill 2024'.
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इसके अलावा यह युवक अन्य लोगों को भी काली पट्टी बांटकर विरोध दर्ज करने की अपील कर रहा था. हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की.
विरोध करने वाले क्या कह रहे हैं?
सैयद सलमान अली का कहना था कि वे और उनके समुदाय के लोग वक्फ संशोधन बिल में किए जा रहे बदलावों को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा हम शांति से विरोध कर रहे हैं. काली पट्टी बांधकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. पूरा हिंदुस्तान इसके विरोध में है. हम वक्फ में बदलाव नहीं चाहते और इसके साथ कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. अन्य नमाजियों ने भी बताया कि वे इस बिल के खिलाफ हैं और इसी वजह से काली पट्टी पहनकर विरोध जता रहे हैं.
प्रशासन का बयान
इस विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस. चन्नप्पा ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पूरी तरह शांतिपूर्वक अदा की गई. किसी प्रकार की अशांति या हंगामे की कोई सूचना नहीं है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया है, लेकिन इससे कानून-व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा.
विरोध के बावजूद मस्जिद में भाईचारे का संदेश
हालांकि, कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन मस्जिद में मौजूद अन्य नमाजियों ने बताया कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने कहा कि अलविदा की नमाज के दौरान शांति, भाईचारे और देश की तरक्की के लिए दुआ मांगी गई.