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अदिति सिंह से जुड़े जमीन विवाद पर कोर्ट करेगा फैसला? जानिए क्या है मामला

रायबरेली के मिल एरिया थाने के कल्लू के पुरवा स्थित लखनऊ रायबरेली प्रयागराज हाईवे पर जमीन का मामला अब कोर्ट जाता दिख रहा है क्योंकि मामले पर रायबरेली जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर की बाइट को ट्वीट करते हुए जांच की बात कही है.

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अदिति सिंह पर आरोप लगाकर हंगामा करतीं महिलाएं
अदिति सिंह पर आरोप लगाकर हंगामा करतीं महिलाएं

रायबरेली के मिल एरिया थाने के कल्लू के पुरवा स्थित लखनऊ रायबरेली प्रयागराज हाईवे पर जमीन का मामला अब कोर्ट जाता दिख रहा है क्योंकि मामले पर रायबरेली जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर की बाइट को ट्वीट करते हुए जांच की बात कही है.

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दरअसल, पूरा मामला 26 दिसंबर का है जब एसडीएम सदर को सूचना मिली कि मिल एरिया थाने के कल्लू का पुरवा के पास जमीन पर विवाद हो रहा है जिसमे एक पक्ष इकरारनामा के आधार पर अपना अधिकार चाहा रहा था तो दूसरा पक्ष बैनामा के आधार पर अपना अधिकार चाह रहा था. दोनों पक्षों से उनके दस्तावेज मांगे गए हैं लेकिन सदर से भाजपा विधायक अदिति सिंह पर आरोप लगाने वाले पक्ष ने अब तक अपने दस्तावेज नहीं दिखाए हैं . क्योंकि सघन आबादी वाला क्षेत्र है इसलिए पैमाईश भी संभव नहीं है, ऐसे में वाद दीवानी न्यायालय में अपना अनुतोस प्राप्त कर सकते हैं.

रायबरेली जमीन विवाद मामले में अदिति सिंह ने आज तक को बताया, "वहां पीयूष प्रताप सिंह ( ब्लाक प्रमुख मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बेटे ) गए थे इसलिए मैं वहां गई थी .बाकी मेरा कोई लेना देना नही है प्रशासन अपना काम रह कर रहा है." इस मामले पर जब अदिति के द्वारा पीयूष का नाम लिया गया तो आज तक ने पीयूष से बात की तो उनका कहना था कि भला उनका वहां क्या काम वह वहां क्यों जाएंगे

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इस विवाद पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने एक विस्तृत जवाब दिया है. उनका कहना है कि दो पक्षों के मध्य भूमि विवाद की सूचना प्राप्त हुई. मैं और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे जहां पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा वहां पर पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि एक पक्ष गाटा संख्या 223 में बैनामे के आधार पर ली गई भूमि पर अधिकार बताया जा रहा था और दूसरे पक्ष द्वारा गाटा संख्या 221 ,222 में इकरारनामा के आधार पर अधिकार बताया जा रहा था. मौके पर उनसे अभिलेख मांगे गए उनके द्वारा किसी तरीके के साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल लगाया गया है.

अभी के लिए ये मामला कोर्ट में जाता दिख रहा है. नतीजा कोई भी रहे, लेकिन इस एक विवाद ने रायबरेली की राजनीति में उबाल ला दिया है.

 

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