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Bharat Jodo Yatra: किसान-दलित-मुसलमान, यूपी में एंट्री करते दिखी राहुल गांधी की सोशल इंजीनियरिंग

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंच चुकी है, जहां किसानों ने राहुल गांधी का फूलों से स्वागत किया है. इससे पहले दिल्ली से यूपी में एंट्री करते समय राहुल और प्रियंका के साथ दलित और मुस्लिम नेता पदयात्रा करते नजर आए. इस कवायद से कांग्रेस यूपी में अपने खोए सियासी जनाधार को दोबारा हासिल करने की कोशिश करती नजर आ रही है.

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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पहुंच चुकी है. यूपी में राहुल गांधी भले ही तीन दिन ही यात्रा करें, लेकिन कांग्रेस के पुराने और कोर वोटबैंक को साधते जरूर नजर आ रहे हैं. पदयात्रा दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्र के रास्ते उत्तर प्रदेश के लोनी होते हुए बागपत पहुंच चुकी है. राहुल गांधी ने राजधानी के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में मोहब्बत का संदेश दिया तो यूपी में एंट्री करते ही किसान से लेकर मुसलमान और दलित समुदाय को साथ लेते हुए सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करते दिखे. 

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दंगा प्रभावित क्षेत्र में राहुल का स्वागत 
राहुल गांधी की अगुवाई में 'भारत जोड़ो यात्रा' दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाके सीलमपुर, वेलकम, जाफराबाद, कबीर नगर और मौजपुर होते हुए यूपी में लोनी के लिए निकली. मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से राहुल गांधी पदयात्रा करते हुए गुजर रहे थे तो इलाके में कांग्रेस जिंदाबाद के नारे और रंग दे बसंती जैसे देशभक्ति गीत गूंज रहे थे. मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के हाथों में तिरंगा नजर आ रहा था तो हिजाब पहनी मुस्लिम महिलाओं ने भी यात्रा में शिरकत की. राहुल मुस्लिम क्षेत्रों से निकले तो उनके साथ कांग्रेस के कई मुस्लिम राष्ट्रीय नेता साथ दिखे. नेशनल काफ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला से गले मिलकर राहुल गांधी ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की. 

राहुल के संग दिखे दलित-मुसलमान  
वहीं, दिल्ली से लोनी बॉर्डर के रास्ते यूपी में भारत जोड़ो यात्रा ने प्रवेश किया तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मंच पर सलमान खुर्शीद, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद राशिद अल्वी, जफर अली नकवी, मीम अफजल सहित आधे दर्जन से ज्यादा मुस्लिम नेता नजर आए. इसके अलावा चंद्रभान प्रसाद, प्रोफेसर रतन लाल, राजेंद्र वर्मा, डॉ. सूरज मंडल, एनके चंदन और धर्मेंद्र कुमार जैसे दलित एक्टिविस्ट भी भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत करते नजर आए. इस तरह से कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए यूपी में एक बार फिर से अपने पुराने वोटबैंक को साधने की कवायद की.  

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दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक में दलित-मुस्लिम कांग्रेस का परपंरागत मतदाता रहा है, लेकिन वक्त के साथ यह दोनों ही वोटबैंक पूरी तरह खिसक गए हैं. इसके चलते दोनों ही राज्यों में कांग्रेस आज सबसे निचले पायदान पर खड़ी है. पश्चिमी यूपी में दलित वोटर काफी निर्णायक भूमिका में हैं, जिसे कांग्रेस अपने साथ जोड़ने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. 

यूपी के जिन तीन जिलों से कांग्रेस की यात्रा गुजर रही है, उनमें मुस्लिम वोटर काफी बड़ी संख्या में है. गाजियाबाद, बागपत और शामली में मुस्लिम निर्णायक भूमिका में है. यह कांग्रेस का पारंपरिक वोटर रहा है, लेकिन तीन दशकों में यह सपा और बसपा के बीच बंटता रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पश्चिमी यूपी के इन तीनों जिलों में जाने का उद्देश्य खिसक चुके मुस्लिम वोटबैंक को वापस लाने की है. इसीलिए राहुल गांधी के मंच पर मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई और उन्होंने बीजेपी को तोड़ने वाली पार्टी बताया तो कांग्रेस से जुड़ने की अपील की. 

भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए सलमान खुर्शीद कहते हैं कि हम पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे. कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो बीजेपी के खिलाफ सड़क पर लड़ रही है. राहुल गांधी देश को जोड़ने के लिए निकले हैं और उनके साथ पूरी फौज है. जफर अली नकवी कहते हैं कि भारत में नफरत फैलाने वाले के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं और घर-घर मोहब्बत पहुंचाने का काम कर रहे हैं. नसीमुद्दीन सिद्दीकी कहते हैं कि कांग्रेस ही नेशनल स्तर पर बीजेपी से मुकाबला कर सकती है. समाज में जो नफरत फैलाने का काम कर रही है, उसके खिलाफ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उतरे हैं. यूपी की आवाम कांग्रेस और राहुल गांधी की मुहिम के साथ खड़ी नजर आ रही है. 

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कांग्रेस के एजेंडे में फिर लौटा दलित

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए दलित एक्टिविस्ट प्रोफेसर रतन लाल कहते हैं कि राहुल गांधी और कांग्रेस  पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं. संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए जो भी लड़ेगा, हम उसके साथ हैं. कांग्रेस आज दलितों के मुद्दों पर मुखर है और कांग्रेस ने एक दलित समुदाय को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है और भागेदारी भी सुनिश्चित कर रही है तो हम क्यों न साथ खड़े हों. हमारे शामिल होने का जो लोग विरोध कर रहे हैं, वो बताएं कि बीजेपी को हराने का उनके सामने क्या विकल्प है?

रतन लाल कहते हैं कि राहुल गांधी पदयात्रा कर रहे हैं और वो तमाम मुद्दे उठा रहे हैं, जो समाज और देश के हित में है. देश में महात्मा गांधी ने भी पदयात्रा की थी तो बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने भी. ऐसे में राहुल गांधी अब पदयात्रा कर रहे हैं तो उन्हें निश्चित रूप से राजनीतिक लाभ मिलेगा. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि आज लोग जानना चाहते हैं कि देश में बीजेपी के खिलाफ कौन बोल रहा है? 

राहुल को मिला किसानों का साथ 
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उस जिले से होकर गुजर रही है जहां किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर रहा है. पश्चिमी यूपी के किसान फूलों से भरी ट्रॉली लेकर राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं. किसानों ने राहुल गांधी के लिए जमीन पर फूल बिछा दिए हैं. किसानों ने कहा कि बागपत में राहुल की यात्रा जहां से शुरू हो रही है, वहां से लेकर उनके गांव तक राहुल गांधी पर फूल बरसाएंगे. उन्होंने यह बताया कि वो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि उनका जुड़ाव राष्ट्रीय लोकदल के साथ है, लेकिन राहुल गांधी किसानों की बात करते हैं, इसलिए हम उनका स्वागत करने के लिए आए हैं.

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किसानों के आंदोलन में शामिल अलग-अलग संगठनों समेत कांग्रेस की जिला इकाई से मिलकर स्थानीय लोगों ने कांग्रेस की भारत जुड़े यात्रा में शामिल होने के लिए सहमति भी दी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गाजियाबाद, बागपत, बड़ौत ,शामली और कैराना जैसे इलाकों से होते हुए हरियाणा और पंजाब में एंट्री करेगी. कांग्रेस के लिए सूखी पड़ गई सियासी जमीन को उर्वरा बनाने के लिहाज से यह क्षेत्र बहुत मुफीद माना जा रहा है. 

किसान आंदोलन की अगुवाई इन्हीं जिलों शहरों और प्रदेशों के किसान नेताओं ने की थी. राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को इस बात का बखूबी अंदाजा है कि वह जितना यहां के लोगों से मिलकर अपने आंदोलन के बारे में बता सकेंगे, वह 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावों के लिहाज से बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. राहुल गांधी ने जयंत चौधरी को अपनी यात्रा में शामिल होने न्योता भेजा था. इतना ही नहीं चौधरी चरण सिंह की समाधि पर जाकर भी राहुल गांधी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों को एक बड़ा संदेश भी दिया था.


 

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