अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन सेना के जवानों की झड़प के बाद देश में अब एक अलग तरह की राजनीति शुरू हो गई है. अब राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जाति के रेजिमेंट बनाने की मांग करने लगी हैं. साथ ही वह यह दावा कर रही हैं कि अगर उनकी रेजिमेंट होती तो वह चीन का ज्यादा मुकम्मल जवाब देती. इन दावों में अब ओम प्रकाश राजभर के दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का नाम भी जुड़ गया है.
उनके बेटे अरविंद राजभर ने बुधवार को कहा कि सरकार सेना में राजभर रेजिमेंट बना दे तो चीन को 20 किमी अंदर धकेल देंगे. अरविंद राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से सपा-सुभासपा गठबंधन में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इससे पहले आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने चीन को जवाब देने के लिए अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की थी.
अहीर रेजिमेंट बनी तो चीन की रूह कांप जाएगी
बीजेपी सांसद निरहुआ ने 15 दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान निरहुआ ने कहा था कि भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग बहुत लंबे समय से चल रही है. जो सेना में अलग-अलग जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्य के योगदान-बलिदान को ध्यान में रखते हुए उनके सम्मान में, उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए सेना में रेजिमेंट बने हैं. ये अहीर रेजिमेंट की मांग बिल्कुल जायज है और मैं सरकार से ये निवेदन करता हूं कि सेना में जल्द से जल्द अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाए, क्योंकि जिस दिन अहीर रेजिमेंट का गठन होगा, चीन की रूह कांप जाएगी.
9 दिसंबर को तवांग में हुई थी झड़प
LAC पर तवांग के पास 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 9 दिसंबर को भारत-चीन के सैनिकों के बीच भिड़ंत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट को तोड़ना चाहते थे. तवांग में भारतीय पोस्ट को हटवाने के लिए चीनी सैनिक आए थे. इसी मंशा के साथ ये चीनी सैनिक हाथों में कंटीले लाठी और डंडे लेकर आए थे.
भारतीय जवानों ने देखा तो तुरंत मोर्चा संभाला और भिड़ गए. भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हटे. दरअसल, चीनी सैनिकों को भी जरा सा अंदाजा नहीं था कि भारतीय सैनिक भी 17 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयारी के साथ मुस्तैदी से डटे हैं.