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'चाहता था बेटी का शव कुछ देर और घर में रहे, ताकि…', राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का शिकार श्रेया यादव के पिता ने कही रुला देने वाली बात

राजेंद्र नगर स्थित RAU'S IAS स्टडी सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से जिन तीन लोगों की मौत हुई, इनमें अम्बेडकर नगर की छात्रा श्रेया यादव भी शामिल है. आज परिवार ने भारी मन के साथ अपनी होनहार बेटी श्रेया (25) का पैतृक गांव स्थित श्मशान में अंतिम संस्कार किया. इस दौरान पिता और परिवार का हाल देखकर हर कोई भावुक हो गया.

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मृतक श्रेया यादव और उसके पिता
मृतक श्रेया यादव और उसके पिता

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU'S IAS स्टडी सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से जिन तीन लोगों की मौत हुई, इनमें अम्बेडकर नगर की छात्रा श्रेया यादव भी शामिल है. आज परिवार ने भारी मन के साथ अपनी होनहार बेटी श्रेया (25) का पैतृक गांव स्थित श्मशान में अंतिम संस्कार किया. इस दौरान पिता और परिवार का हाल देखकर हर कोई भावुक हो गया. जिस बेटी को पिता ने पाल-पोस कर बड़ा किया, सपनों को पूरा करने के लिए बाहर भेजा, आज उसी बेटी का अपने हाथों से अंतिम संस्कार करना पड़ा. पिता-भाई-चाचा, ग्रामीण खामोश होकर श्रेया की चिता को जलते हुए देख रहे थे. 

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श्रेया यादव के पिता और भाई ने अपना दर्द मीडिया के सामने बयां किया. इस दौरान श्रेया के पिता ने कुछ ऐसा कहा, जिसे सुनकर किसी की भी आंखों में आंसू आ जाए. पिता ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी बेटी का शव थोड़ी देर घर में और रहे. क्योंकि, मालूम था कि कुछ ही देर में बेटी की अंत्येष्टि करनी है. इसलिए बेटी का चेहरा ज्यादा से ज्यादा देख लेने की चाहत थी. अंतिम संस्कार के बाद फिर कभी हम उसे नहीं देख पाएंगे.  

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श्रेया के पिता ने कहा कि अंत्येष्टि के बाद भी आंखों के सामने बेटी का चेहरा बार-बार सामने आ रहा है. समझ नहीं आ रहा क्या करें और क्या ना करें. हमारी तो दुनिया उजड़ गई. बड़ी उम्मीदों से पढ़ने भेजा था. कभी सोचा ना था, ऐसा भी होगा. 

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बगल में ही श्रेया के चाचा भी खड़े थे, जिन्होंने अपनी भतीजी का एडमिशन खुद दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के RAU'S IAS स्टडी सेंटर में करवाया था. वह लोकल गार्जियन बनकर दिल्ली में श्रेया का ख्याल रख रहे थे. मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था. भतीजी का शव देख उनके आंसू नहीं थम रहे. 

श्रेया यादव और उसकी मां शांति यादव

राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का शिकार हुई श्रेया यादव के घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जो श्रेया आईएएस बनने के लिए गई थी, उसकी लाश घर आई है. आंखों में आंसू लिए श्रेया की मां शांति कहती हैं कि घटना से एक दिन पहले बेटी से फोन पर बात हुई थी. उसने कहा था कि आप सबकी बहुत याद आती है. सबका हाल-चाल पूछा और कहा कि सपना पूरा कर के आऊंगी. लेकिन जब मौत की खबर आई तो हम हिल गए. 

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श्रेया की मां ने बेसमेंट में कोचिंग चलाने को लेकर सवाल उठाए और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने बताया कि बेटी ने कहा था कि आईएएस बन के आऊंगी, लेकिन किसी पता था ये हो जाएगा. हमारी बेटी चली गई. इससे बड़ा और क्या गम हो सकता है. 

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बता दें कि राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी, जिसमें अंबेडकर नगर की श्रेया भी थी. छात्रा श्रेया यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह पैतृक गांव में किया गया. इस दौरान श्रेया के गांव हासिमपुर बरसावां में बड़ी तादाद में स्थानीय लोग जुटे. श्रेया यादव के घर में उसकी किताबें, नोट्स आदि पड़े हुए हैं. उन्हें देख-देखकर परिजन बस यही कर रहे हैं कि बेटी का सपना आईएएस बनने का था, लेकिन लापरवाही ने उसकी जिंदगी निगल ली.  

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