उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक को एक और झटका लगा है. राष्ट्रीय लोक दल के एनडीए के साथ जाना तय है. पार्टी चीफ जयंत चौधरी के हालिया बयानों से यूपी में रालोद-भाजपा गठबंधन लगभग पक्का कर समझा जा सकता है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. उनसे जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या रालोद आगामी लोकसभा चुनाव बीजेपी नीत एनडीए के साथ मिलकर लड़ेगी? इस पर जयंत चौधरी ने कहा, 'मैं अब किस मुंह से मना कर सकता हूं'.
सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने आरएलडी को बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटों और एक राज्यसभा सीट का वादा किया है. आजतक ने जब सपा नेता रामगोपाल यादव से पूछा कि जयंत के जाने पर क्या आपको झटका लगा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'ना हमें धक्का लगा है, ना लगेगा'. इससे पहले उन्होंने कल कहा था, 'कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन कहां जा रहा है. जनता बड़ी है. चुनाव के समय कोई आता और जाता है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता'. शिवपाल यादव ने कहा, 'मैं जयंत और उनके पिता को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, क्योंकि मैंने उनके साथ काम किया है. मुझे उम्मीद है कि जयंत किसानों की लड़ाई को कमजोर नहीं होने देंगे'.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरएलडी के भाजपा के साथ जाने की अटकलों पर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'जयंत बहुत सुझले हुए और पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं. किसानों की राजनीति करते हैं. राजनीति समझते हैं. मुझे उम्मीद है कि वह किसानों और युवाओं की लड़ाई कमजोर नहीं होने देंगे'. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय का करीब 17 फीसदी वोट है. जयंत चौधरी की आरएलडी का वेस्ट यूपी में प्रभाव है. उनके साथ आने से भाजपा को इस क्षेत्र में फायदा होने की उम्मीद है. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में जिन 16 सीटों पर हार मिली थी, उनमें से 7 पश्चिम यूपी की थीं. भाजपा मुरादाबाद मंडल की सभी 6 सीटें हार गई थी.
आरएलडी और समाजवादी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश में सहयोगी हैं. 2019 के चुनावों में, रालोद अपनी सभी तीन सीटें हार गई, जबकि समाजवादी पार्टी ने पांच सीटें जीतीं. 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, अखिलेश यादव की पार्टी ने जिन 347 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 111 सीटें जीतीं, जबकि आरएलडी ने 33 निर्वाचन क्षेत्रों में से नौ पर जीत हासिल की. जयंत चौधरी ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर कहा, 'पीएम मोदी ने के निर्णय ने साबित किया है कि वह देश की मूल भावनाओं और चरित्र को समझते हैं. उनके विजन ने वह कर दिखाया जो अब तक कोई अन्य पार्टी नहीं कर सकी'.