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महाकुंभ में स्नान करने पैदल प्रयागराज जा रही 'राम-लक्ष्मण' की जोड़ी, चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले रहे लोग

अलीगढ़ के रामू और लखन राम-लक्ष्मण के वेश में पदयात्रा करते हुए 16वें दिन कौशांबी पहुंचे, जहां भक्तों ने जय श्री राम के नारों से उनका स्वागत किया. वे प्रयागराज महाकुंभ में संगम स्नान कर ऋषि-मुनियों का आशीर्वाद लेंगे.इसके बाद अयोध्या जाएंगे और श्रीराम जन्मभूमि में दर्शन कर अपनी यात्रा संपन्न करेंगे.

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 कौशांबी में राम भक्तों का स्वागत.
कौशांबी में राम भक्तों का स्वागत.

महाकुंभ 2025 में श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है. दूर-दूर से श्रद्धालु प्रयागराज संगम में पुण्य स्नान करने और साधु-संतों के दर्शन हेतु आ रहे हैं. इसी भक्ति की मिसाल पेश कर रहे हैं अलीगढ़ के रहने वाले रामू और लखन, जो भगवान राम और लक्ष्मण के वेश में पदयात्रा कर प्रयागराज से होते हुए अयोध्या तक जाने का संकल्प लेकर निकले हैं.

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16 दिनों में पहुंचे कौशांबी, जय श्री राम के नारों से हुआ स्वागत

राम-लक्ष्मण के वेश में निकले रामू और लखन 26 जनवरी को अलीगढ़ से पैदल निकले थे और आज 16वें दिन कौशांबी पहुंचे. यहां स्थानीय श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया. जैसे ही लोगों ने उन्हें राम-लक्ष्मण के स्वरूप में देखा, 'जय श्री राम' के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा. लोग उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते नजर आए.

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रामू ने बताया कि यह यात्रा उनकी आस्था और सनातन धर्म के प्रति प्रेम को दर्शाती है. उनका मानना है कि जिस तरह भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान ऋषि-मुनियों के दर्शन किए थे. उसी तरह वे भी संगम में स्नान कर साधु-संतों के दर्शन करेंगे और फिर अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.

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राम मंदिर

यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म और आस्था का प्रचार

रामू का कहना है, सनातन धर्म हमारी आत्मा में बसता है. जब माता कैकेई ने भगवान राम से वनवास मांगा था, तो उन्होंने सौ बार ऋषि-मुनियों के दर्शन करने का प्रण लिया था. उसी भावना के तहत हम यह यात्रा कर रहे हैं, ताकि हमें भी पुण्य लाभ मिले और धर्म का प्रचार हो. वे आगे कहते हैं, हम अलीगढ़ से पैदल चलकर प्रयागराज जा रहे हैं. यहां महाकुंभ में स्नान कर ऋषि-मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. इसके बाद अयोध्या जाएंगे और श्रीराम जन्मभूमि में दर्शन कर अपनी यात्रा संपन्न करेंगे.

प्रयागराज पहुंचकर संगम स्नान के बाद अयोध्या की ओर प्रस्थान

अब रामू और लखन का अगला पड़ाव प्रयागराज का संगम तट है, जहां वे महाकुंभ के दौरान पवित्र डुबकी लगाएंगे और संत-महात्माओं के दर्शन करेंगे. इसके बाद वे पैदल अयोध्या के लिए रवाना होंगे और श्रीराम जन्मभूमि में दर्शन कर अपनी यात्रा का समापन करेंगे.

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