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राम मंदिर की दान पेटी से जुड़े फर्जी वीडियो पर आई ट्रस्ट की सफाई, बताया अब तक मिला कितना चंदा

राम मंदिर की दान पेटी से जुड़े फर्जी वीडियो पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां बक्से में नोट नहीं होते. हमारे यहां काउंटर पर दान आता है, जिसकी बाकयदा रसीद काटी जाती है. दानपात्र के अलावा कहीं न एक पैसा लिया जाता है, न किसी से कहा जाता है कि दान कीजिए.

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राम मंदिर
राम मंदिर

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मिलने वाले चंदे को लेकर चर्चा हो रही है. इसे लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 22 जनवरी को हमारे दान काउंटर पर लगभग 6 लाख रुपए नकद आए. जबकि ड्राफ्ट और चेक से प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन कुल 3 करोड़ रुपए आए. उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को राम मंदिर ट्रस्ट में 27 लाख रुपए नकद आए, जबकि 24 जनवरी को कैश काउंटर पर 16 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं.

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राम मंदिर की दान पेटी से जुड़े फर्जी वीडियो पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां बक्से में नोट नहीं होते. हमारे यहां काउंटर पर दान आता है, जिसकी बाकयदा रसीद काटी जाती है. दानपात्र के अलावा कहीं न एक पैसा लिया जाता है, न किसी से कहा जाता है कि दान कीजिए. उन्होंने कहा कि दानपात्र का पैसा स्टेट बैंक के संरक्षण में रहता है, उनके लोग आते हैं. वही दानपात्र उठाकर ले जाते हैं. उनका काउंटिंग स्थान बेहद सुरक्षित रहता है. स्टेट बैंक के कर्मचारी ही इस पैसे को निकालते हैं, इसे कोई देख तक नहीं सकता. वहां स्टेट बैंक के कर्मचारी और हमारी लोग रहते हैं, जो मॉनीटरिंग करते हैं. 

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राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी ने कहा कि हमारे यहां चुपचाप पैसा न लिया गया है, न कभी लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये पैसा मंदिर का है. यहां एक-एक पैसे का हिसाब रहता है. पुराने मंदिर के दानपात्र के पैसे को लेकर उन्होंने कहा कि पैसे निकालकर रख दिए गए हैं. उसकी गिनती नहीं हो पाई है. बीच में छुट्टियां पड़ गई थीं, जिसके चलते बैंक के कर्मचारी काम नहीं कर सके. 

कहा तो ये भी जा रहा है कि राम मंदिर में खाद्यान्न काफी मात्रा में आ गया है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि यहां भंडारा तो चल रहा है. जो भंडारे ट्रस्ट चला रहा है, वे चलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में जिसका उत्पादन होता है, वहां से वह खाद्यान्न आया है. जैसे छत्तीसगढ़ से चावल आ गए, असम से चायपत्ती आ गई. लोग इतना दे रहे हैं कि हमें अपना भंडारा चलाने में कोई दिक्कत नहीं आ रही. न ही बाहर से कुछ खरीदने की जरूरत है. 

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