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यूपी के संभल में रमजान के दौरान मुस्लिमों को रोजा-इफ्तार और सहरी के समय लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में मौलाना ने अजान देने के लिए नया तरीका अपनाया. मौलाना ने रोजा-इफ्तार के समय लोगों को सूचित करने के लिए घर के बाहर खड़े होकर बिना लाउडस्पीकर के अजान दी. मौलाना का कहना है कि प्रशासन के द्वारा अनुमति नहीं मिलने के कारण ये कदम उठाना पड़ा है.
दरअसल, संभल में पुलिस-प्रशासन ने पिछली कई दिनों से हाईकोर्ट के नियमों और शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए धार्मिक स्थलों पर लगे हुए तेज आवाज वाले लाउडस्पीकरों को लेकर काफी सख्ती की है. काफी संख्या में मस्जिदों/मंदिरों पर लगे हुए लाउडस्पीकर जब्त भी किए गए हैं. लेकिन रमजान को देखते हुए शनिवार को AIMIM के नेताओं ने डीएम राजेंद्र पैंसिया को पत्र देकर दिन में कुछ मिनट के लिए लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मांगी थी.
हालांकि, प्रशासन की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली तो अब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा-इफ्तार के समय लोगों को सूचित करने के लिए नया तरीका अपनाया है. संभल सदर कोतवाली इलाके के मोहल्ला कोट गर्बी में मौलाना हाजी एहतेशाम के द्वारा रोजा-इफ्तार का समय होते ही मोहल्ले में घर के आगे खड़े होकर बिना लाउडस्पीकर के मुंह से अजान लगाई गई. मौलाना ने घर के बाहर खड़े होकर अजान दी और रोजेदारों को रोजा-इफ्तारी के समय के लिए सूचित किया.
इस तरह से संभल में लाउडस्पीकर पर प्रशासन की सख्ती के बाद अब मुस्लिमों ने घर के बाहर खड़े होकर अजान लगाकर रोजा-इफ्तारी के लिए सूचित करने का नया तरीका निकाला है. इसके लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चा है. वहीं, घर के बाहर खड़े होकर अजान लगाने वाले हाजी एहतेशाम का कहना है कि सुबह में सहरी के समय और शाम को सूर्यास्त के बाद रोजा इफ्तार किया जाता है. प्रशासन के द्वारा माइक इस्तेमाल के लिए बिल्कुल मना कर दिया गया है. इसलिए अब यही व्यवस्था कर रहे हैं. मोहल्ले में मुंह से अजान देकर लोगों को सूचित कर रहे हैं.