समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. स्वामी प्रसाद के इस बयान के बाद बवाल खड़ा हो गया है. कई लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
वहीं, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद के बयान की मज्जमत करता हूं. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म से संबंधित पुस्तक पर कटाक्ष करने से पहले उनके जानकारों से पूछना करनी चाहिए. चाहे वह गीता-रामायण हो या फिर कुरान या बाइबल. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की पूरी जिंदगी सिर्फ सियासत में गुजरी है और अब वह धार्मिक पुस्तकों पर एतराज करके चीप पब्लिसिटी पाना चाहते हैं. मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि इस तरीके की बयानबाजी सेवा परहेज करें.
बीजेपी ने कहा- जानबूझकर रामचरितमानस का अपमान कर रहे
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान समाजवादी पार्टी का एजेंडा है. वह तुष्टिकरण और हिंदुओं को अपमानित करने के लिए जानबूझकर रामचरितमानस का अपमान कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा में थे, तब ऐसी बदजुबानी नहीं करते थे. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के बयान का खामियाजा सपा को भुगतना पड़ेगा. चुनावों में जनता ईवीएम का बटन दबाकर इसका जवाब देगी.
स्वामी प्रसाद के खिलाफ 23 को प्रदर्शन करेगी हिंदू महासभा
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि सनातनियों का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा. ये आज हमारे प्रभु श्री राम पर लिखी गई श्रीरामचरितमानस का अपमान कर रहे हैं पूर्व में भी इन्होंने रामायण को जलाया था. उन्होंने कहा कि अखिल भारत हिंदू महासभा कल (सोमवार) स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को स्टैंड क्लियर करना होगा कि उनकी सोच क्या है. साथ ही मांग की कि देश के सनातनियों का सम्मान बचाने के लिए आगे सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. साथ ही केंद्र सरकार को भी इस मसले में आगे आना चाहिए और योगी सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
अखिल भारतीय संत समिति ने जताई आपत्ति
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महांत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा रामचरितमानस को प्रतिबंधित करने की मांग और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को जेल भेजने के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ये बयान दंगा भड़काने की नियत से किया गया है. साथ ही मांग की कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज देना चाहिए.
क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.
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