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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सपा का किनारा, शिवपाल बोले- हम राम-कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग

सपा नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने आजतक के साथ बातचीत में कहा कि वह उनका (स्वामी प्रसाद मौर्य) व्यक्तिगत बयान है, पार्टी का बयान नहीं है, हम लोग राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं, रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई.

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रामगोपाल और शिवपाल के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
रामगोपाल और शिवपाल के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान से समाजवादी पार्टी (सपा) ने खुद को अलग कर लिया है. सपा नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने आजतक के साथ बातचीत में कहा कि वह उनका (स्वामी प्रसाद मौर्य) व्यक्तिगत बयान है, पार्टी का बयान नहीं है, हम लोग राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं.

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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा, 'सपा के लोग राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं, रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई, क्या भारतीय जनता पार्टी के लोग भगवान के आदर्शों पर चल रहे हैं, भगवान कभी झूठ नहीं बोलते थे, भाजपा के लोग भगवान राम को ही बेच रहे हैं.' 

सुनिए शिवपाल सिंह यादव ने क्या कहा-

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर पलटवार करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह बड़बोले हैं, मैनपुरी के उपचुनाव में भी आए थे, हमारे क्षेत्र की जनता ने उनको सबक सिखा दिया है, आगे भी उनको बताएंगे कि कैसे चुनाव लड़ा जाता है, इनके बड़बोले पर मैनपुरी की जनता ने सबक सिखाया है, अब यूपी की जनता आगे वाले चुनाव में सबक सिखाएगी.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था?

बीते दिनों पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजतक से बातचीत में कहा था, 'कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.'

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है, इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. 

स्वामी प्रसाद मौर्य से अखिलेश भी नाराज

स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद अखिलेश यादव उनसे नाराज हैं. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव स्वामी से बेहद नाराज हैं. कई विधायकों ने फोन पर अखिलेश यादव से बात की है. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान से पार्टी के अंदर भारी असंतोष भी है. 

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सपा पर हमलावर है बीजेपी

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान समाजवादी पार्टी का एजेंडा है, वह तुष्टिकरण और हिंदुओं को अपमानित करने के लिए जानबूझकर रामचरितमानस का अपमान कर रहे हैं, स्वामी प्रसाद के बयान का खामियाजा सपा को भुगतना पड़ेगा.

 

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