scorecardresearch
 

रामचरितमानस की प्रतियां जलाने पर UP में एक्शन, स्वामी प्रसाद मौर्य पर FIR दर्ज

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य और ओबीसी महासभा के 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. साथ कुछ अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है. BJP अल्पसंख्यक मोर्चा जिला कार्यसमिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी ने पीजीआई थाने में तहरीर दी थी.

Advertisement
X
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों पर केस दर्ज.
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों पर केस दर्ज.

UP News: राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य और ओबीसी महासभा के 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. साथ कुछ अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है. BJP अल्पसंख्यक मोर्चा जिला कार्यसमिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी ने इस संबंध में पीजीआई थाने में तहरीर दी थी.  

Advertisement

BJP नेता सतनाम सिंह उर्फ लवी ने बताया कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के बाद अगल-बगल के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया और भीड़ इकट्ठा होने लगी. वह स्वयं भी मौके पर गए और रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले लोगों को मना किया, लेकिन वह लोग नहीं माने. क्योंकि वह लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के कहने पर ऐसा कर रहे थे. और जब उन्होंने प्रतियां जलाने को मना किया तो वह लोग धमकाने लगे. साथ ही उन लोगों ने समुदाय की भावनाओं को आहत करने सांप्रदायिक दंगा भड़काने के साथ-साथ माहौल बिगाड़ने का भी काम करने का प्रयास किया. जिसके चलते उन्होंने पीजीआई थाना में तहरीर दी और पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मुकदमा लिखा है. 

वहीं, इस मामले में एडीसीपी सैयद अली अब्बास ने बताया कि पीजीआई के वृंदावन सेक्टर 9 में रामचरितमानस जलाने की सूचना संज्ञान में आई थी. तत्काल मामले में FIR दर्ज कर ली गई और 5 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. प्रकरण में आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है. 

Advertisement

बता दें कि ओबीसी महासभा के नेताओं ने रविवार को राजधानी लखनऊ के वृंदावन सेक्टर-9 में रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था.  
 
क्या है मामला?

सपा के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर सवाल किए थे. उन्हीं के बयान के बाद लखनऊ में धार्मिक ग्रंथ की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया. दरअसल, मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते,  सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था- सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से आपत्तिजनक अंशों को बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की एक चौपाई है, जिसमें इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.  

 

Advertisement
Advertisement