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'यही शूद्र ढाल ना बनते तो सत्ता में नहीं आती BJP,' रामचरितमानस विवाद पर बोले अखिलेश

यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में हिस्सा लेने पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामचरितमानस विवाद पर बयान दिया. उन्होंने कहा- हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं. आप 'प्रचार' क्यों करते हैं. ईश्वर सभी के लिए है, किसी एक (व्यक्ति) के लिए नहीं. आप चंदा लेते हैं (राम मंदिर निर्माण के लिए) तो क्या भगवान आपके हो गए हैं, लेकिन जो गलत है वो गलत है.

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी मंगलवार को विधायकों के साथ विधानसभा में बजट सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे. (फोटो- पीटीआई)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी मंगलवार को विधायकों के साथ विधानसभा में बजट सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे. (फोटो- पीटीआई)

यूपी में रामचरितमानस विवाद पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर बयान दिया है. मंगलवार को अखिलेश विधानसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान रामधारी सिंह दिनकर की किताब रश्मिरथी लेकर पहुंचे और कई पंक्तियां पढ़ीं और सवाल किए. अखिलेश ने साफ किया कि वे रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि हिंदू महाकाव्य की कुछ चौपाई पांच हजार साल पुरानी हैं. उन्होंने सीएम योगी से भी शूद्र को लेकर पूछ लिया.

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विधानसभा में अखिलेश ने कहा- हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं. आप 'प्रचार' क्यों करते हैं. ईश्वर सभी के लिए है, किसी एक (व्यक्ति) के लिए नहीं. आप चंदा लेते हैं (राम मंदिर निर्माण के लिए) तो क्या भगवान आपके हो गए हैं, लेकिन जो गलत है वो गलत है. उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई में 'ताड़न' शब्द का उल्लेख किया और कहा, 'ताडन' का अर्थ बताने के लिए यदि आप एक व्यक्ति को खड़ा करते हैं तो हम भी इसके बारे में बताने के लिए 10 को खड़ा कर सकते हैं. क्या किसी एक को खड़ा करके 'ताड़न' का मतलब बताएंगे? आप बताएं कि यूपी में स्थिति क्या है.

'यही शूद्र ढाल नहीं बनते तो आप सत्ता में नहीं आ पाते'

अखिलेश ने रामचरितमानस के मुद्दे पर रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता सुनाई और कहा- यह लड़ाई आज की नहीं है. यह लड़ाई 5,000 साल पुरानी है. उन्होंने कहा- मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा. मैंने कहा था कि सदन के नेता (योगी आदित्यनाथ) को बताना चाहिए कि शूद्र क्या होता है. यदि यही 'शूद्र' आपकी ढाल ना बनते तो आप कभी सत्ता में नहीं आ पाते.

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स्वामी प्रसाद ने चौपाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी

अखिलेश ने 'ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी का जिक्र किया. बताते चलें कि इस चौपाई पर पिछले महीने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया था कि रामचरितमानस के कुछ चौपाई जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान करते हैं. उन्होंने मांग की थी कि इन पर प्रतिबंध लगाया जाए.

योगी ने कहा था- 'ताड़न' का अर्थ 'देखभाल' करना

इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर रामचरितमानस की प्रति जलाकर 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने का आरोप लगाया था. योगी ने सपा नेता मौर्य द्वारा आपत्तिजनक बताई गई चौपाई की व्याख्या की और कहा था- 'ताड़न' का अर्थ 'देखभाल' है.

'दूसरा भी पिता के बारे में बोल सकता है'

वहीं, सीएम योगी की एक कथित टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी और कहा- अगर कोई किसी के पिता के बारे में बोलता है तो दूसरा भी ऐसा कर सकता है. लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा, क्योंकि 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) ने मुझे ऐसे संस्कार नहीं दिए.

बता दें कि रामचरितमानस अवधी भाषा में एक महाकाव्य है, जो रामायण पर आधारित है और इसकी रचना 16वीं शताब्दी के भक्ति कवि तुलसीदास ने की है.

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