सैकड़ों वर्षों का इंतजार उन 84 सेकेंड में सिमट जाएगा, जब रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में बने नवनिर्मित राम मंदिर में किया जाएगा. 22 जनवरी को यह वक्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड के बीच का होगा, जब पूजन स्थल पर अक्षत छोड़ा जाएगा. यह मुहूर्त किसी और ने नहीं, बल्कि राम मंदिर का शिलान्यास और विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य द्राविण बंधु ने निकाली है.
'आजतक' से खास बातचीत में ज्योतिषाचार्य द्राविण बंधु, पंडित विश्वेश्वर शास्त्री द्राविण और पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविण ने बताया कि मुहूर्त निकालने के लिए नियमों पर विचार किया गया है. तिथि, वार, लग्न और नक्षत्रों पर विचार करके दिया गया है. विक्रम संवत 2080 शालिवाहन शक 1945 पौष शुक्ल 12 सोमवार, मृगशीर्ष नक्षत्र, ऐन्द्र योग, बालव करण, आनन्द योग दिनांक 22 जनवरी 2024 को मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में राम मूर्ति स्थापना का अतिसूक्ष्म मुहूर्त है.
मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी
इसका समय दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड यानि टोटल समय 84 सेकंड तक का होगा. उन्होंने बताया कि योग ऐसा बन रहा है कि मंदिर कायम रहेगा. मंदिर का आयु भी काफी लंबा है. भगवान की कृपा से ऐसा लग्न मिला है. यह मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी होगा. मुख्य रूप से रामजी के लिए मुहूर्त निकाला है और इसमें प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा संजोग बैठ रहा है.
9 ग्रहों में 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल
उन्होंने आगे बताया कि 9 ग्रहों में 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल मिल रहे हैं. बाकी ग्रहों में बाधा जैसी बात नहीं है. मुख्य रूप से लग्न मेष का है. मेष लग्न का मालिक धनु राशि में नौवें भाव में गुरु की राशि में गया है और भाग्नभाव कहलाता है नौवां भाव. इसलिए भाग्य भाव का मालिक होकर गुरु लग्न में आकर बैठा है अपने मित्र के राशि में. दो परस्पर मित्र है. इसलिए भाग्य की वृद्धि होगी.
यह मुहूर्त विश्व गुरु की ओर देश को ले जाने वाला
उन्होंने ये भी बताया कि राज बाण, चोर बाण, अग्नि बाण, मृत्यु बाण और रोग बाण मुक्त यह मुहूर्त है. यह मुहूर्त विश्व गुरु की ओर देश को ले जाने वाला है. राम जी को सभी आदर करेंगे. लग्न में गुरु के बैठ जाने से अगर कोई दोष भी रहता है, तो एक लाख दोष का निवारण भी हो जाता है.
शुक्र और गुरु दोनों ही अनुकूल
इस लग्न में शुक्र और गुरु दोनों ही अनुकूल है. इसलिए विरोधी भी कुछ नहीं कर सकते हैं. मंगलाष्टक के श्लोक के बाद 84 सेकंड में अक्षत डाल दिया जाएगा और भगवान से प्रार्थना होगी कि हे परमेश्वर आप प्रतिष्ठित हो. राम मंदिर के शिलान्यास से ज्यादा श्रेष्ठ मुहूर्त रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का है.