रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तरह श्रीराम के जन्म पर भी राम मंदिर ट्रस्ट ने राम भक्तों से अपील की है कि अपने-अपने स्थान पर मंदिरों में भक्त रामनवमी मनाए और अयोध्या आने से परहेज करें. साथ ही रामनवमी पर दर्शन अवधि बढ़ाने को लेकर सहमति बन गई है. अब 20 घंटे राम भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन हो सकेंगे.
दर्शन अवधि की तरह दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारों को भी बढ़ाया गया है. 15 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल तक सुलभ दर्शन और आरती के सारे पास निरस्त कर दिए गए है. राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम भक्तों से कहा है कि रामनवमी पर अयोध्या आने पर परेशानी बढ़ सकती है. लिहाजा वह टीवी और मोबाइल पर अयोध्या का रामनवमी कार्यक्रम देखें.
रामनवमी पर भक्तों को अयोध्या न आने की सलाह
रामनवमी महोत्सव में लाखों की संख्या में राम भक्तों के आने की संभावना को देखते हुए शासन और प्रशासन के अधिकारियों ने 24 घंटे दर्शन करने की बात कही थी. इसके बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 5 वर्ष के रामलला को लगातार जगाने को लेकर सवाल उठाया था.
रामनवमी महोत्सव के समय लगभग 20 घंटे तक भक्तों को रामलला के दर्शन हो सकेंगे. 4 घंटे मंदिर में भोग, आरती और अन्य कार्यक्रम होंगे. इसमें रामलला का शयन भी शामिल है.
40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
रामनवमी 17 अप्रैल 2024 को है, 9 अप्रैल नवरात्र के पहले दिन से अयोध्या का विश्वप्रसिद्ध रामनवमी का मेला शुरू हो जाएगा. इस साल रामनवमी पर 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.