अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज से शुरू हो रहा है. आज राम लला की प्रतिमा का कर्मकुटी संस्कार होगा. प्रथम यजमान के रूप में डॉक्टर अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्रा शामिल हो रहे हैं. जो कि 22 जनवरी तक करीब 50 वैदिक प्रक्रियाओं के सहभागी बनेंगे. अनुष्ठान का प्रारंभ यजमान के स्नान से होगा. यजमान 10 प्रकार के स्नान लेंगे.
वे शुद्धोदक (सरयू जल) के साथ गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, भस्म कुशोदक (कुश मिश्रित जल) पंचगव्य से स्नान करेंगे. पंचगव्य के प्राशन (चखने) से उनका व्रत आरंभ हो जाएगा. 22 जनवरी तक उनका आहार-व्यवहार सब बदला रहेगा. यजमान का खान-पान, वस्त्र आदि भी शास्त्र सम्मत होगा.
इसके अलावा मूर्तिकार अरुण योगीराज रामलला की प्रतिमा समर्पित करने से पहले आचार्यों से प्रतिमा को दिखाकर आग्रह करेंगे कि यदि कोई कमी हो तो वह बताएं, ताकि अभी उसे दूर किया जा सके. यह प्रक्रिया शास्त्रों में निहित है, इसलिए इसका पालन किया जाएगा.
इसके बाद भगवान को सरयू के पावन जल से स्नान कराया जाएगा. फिर यजमान और आचार्य गण भगवान की मूर्ति के नेत्रों पर पट्टी बांधेंगे, जिसे 22 जनवरी को पीएम मोदी खोलेंगे. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान का फाइनल कार्यक्रम होगा.
अनुष्ठान आरंभ होने के साथ यजमानों की संख्या और बढ़ेगी. जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, उसका वजन लगभग 150-200 किलोग्राम है.
चंपत राय ने दी ये जानकारी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार (आज) से शुरू होगा. राम लला की मूर्ति 18 जनवरी को 'गर्भ गृह' में स्थापित की जाएगी. ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे. मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है.
राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे होगी. मुहूर्त (शुभ समय) वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा तय किया गया है. 20 और 21 जनवरी को जनता के लिए दर्शन बंद रहेंगे. राम मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के लिए दर्शन के लिए खुला रहेगा.