scorecardresearch
 

BSP से निष्कासित होकर अदा करनी पड़ी बेटे को घोड़ी चढ़ाने की कीमत... जानिए 'बहनजी' के एक्शन पर क्या बोले सुरेंद्र सागर

Mayawati Expelled Surendra Sagar From BSP : चार बार रामपुर में BSP के जिलाध्यक्ष रहे, 2 बार बसपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़ चुके पूर्व दर्जा राज्य मंत्री रहे सुरेंद्र सागर को पार्टी सुप्रीमो मायावती के फरमान पर बसपा से निष्कासित कर दिया गया है. 

Advertisement
X
सपा विधायक की बेटी से अपने बेटे की शादी करने पर बसपा नेता निष्कासित.
सपा विधायक की बेटी से अपने बेटे की शादी करने पर बसपा नेता निष्कासित.

Mayawati Expelled Surendra Sagar From BSP: शादी विवाह का बंधन बेहद पवित्र माना जाता है. कभी इस रिश्ते के बीच में दो दुश्मन देशों की सीमाएं भी बाधा नहीं बनती थीं, लेकिन इस दौर में तो कभी धर्म तो कभी जाति विवाह के पवित्र बंधन आड़े आने लगे हैं. इसी कड़ी में एक और 'कुप्रथा' ने जन्म ले लिया है. दरअसल, राजनीतिक दलों के शिखर पर बैठे लोग खुद तो भले ही अपने फायदे के लिए किसी से भी हाथ मिला लें या कहीं भी गठबंधन कर लें, लेकिन उनके कार्यकर्ता और जमीनी नेताओं के बच्चे अगर वैवाहिक बंधन में बंधना चाहें तो इसकी कीमत उनके माता-पिता को अपनी राजनीतिक कुर्सी गंवा कर चुकानी पड़ती है.

इसकी ताजा मिसाल मिली उत्तर प्रदेश के रामपुर में देखने को मिली. जहां 4 बार बहुजन समाज पार्टी (BSP) के रामपुर जिलाध्यक्ष रहे, 2 बार बसपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़ चुके पूर्व दर्जा राज्य मंत्री रहे सुरेंद्र सागर को पार्टी सुप्रीमो मायावती के फरमान पर बसपा से निष्कासित कर दिया गया है. 

बहुजन समाज पार्टी से सुरेंद्र सागर के निष्कासन के पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है. उन पर न तो कोई पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगा और न ही किसी तरह का जवाब तलब किया गया, बल्कि सीधे निष्कासन का फरमान सुना दिया गया. 

वजह बताई गई कि बसपा नेता सुरेंद्र सागर के बेटे अंकुर सागर का विवाह समाजवादी पार्टी के नेता, राष्ट्रीय सचिव समाजवादी पार्टी व विधायक आलापुर और पूर्व सांसद अंबेडकर नगर त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त के साथ हुआ. इसके बाद बसपा सुप्रीमो बहन मायावती का आदेश आया और बेटे को घोड़ी चढ़ाने की कीमत सुरेंद्र सागर को अपनी पार्टी से निष्कासित हो कर अदा करना पड़ी. 

Advertisement

इस संबंध में बसपा के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह सागर ने कहा, ''बेटे की शादी का रिसेप्शन 3 दिसंबर को था. 2 दिसंबर को पार्टी के कोऑर्डिनेटर बहन जी (बसपा प्रमुख मायावती) के पास गए थे. उन्होंने बुलाया था किसी और काम से, लेकिन वहां चर्चा यह भी हुई कि मेरे बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से हुई है. इस पर सलाहकार ने बार-बार बहन जी से इस बात को रिपीट किया तो बहन जी ने इस पर कहा कि ठीक है, अगर ऐसी बात है तो आप लोग शादी में मत जाना. लेकिन हमारी तरफ से लोगों का निमंत्रण था और कार्ड गए हुए थे, इसलिए अधिकतर लोग आए थे, क्योंकि हमारे सबसे पारिवारिक संबंध हैं. यहां के वर्तमान जिला अध्यक्ष की ओर से यह शिकायत भेजी गई कि बहन जी के आदेश का पालन न करते हुए लोग शादी में पहुंचे हैं. इस बात को कोऑर्डिनेटरों ने बढ़ा चढ़ाकर पेश किया और इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिलवाया.''

यह पूछे जाने पर कि समाजवादी पार्टी के विधायक की बेटी से आपके बेटे की शादी हुई, इसलिए आपको यह खामियाजा भुगतना पड़ा? पूर्व दर्जा राज्य मंत्री सुरेंद्र सागर बोले कि खामियाजा भुगतने की कोई बात नहीं है. हम तो बहुजन की विचारधारा के व्यक्ति हैं. समाज के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे.

Advertisement
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से हाथ मिलाते सुरेंद्र सागर. (फाइल फोटो)

निष्कासन की खबर मिलने पर आपको कैसा लगा? इस सवाल पर सुरेंद्र सागर बोले, देखिए पार्टी कोई भी हो, हाईकमान का फैसला सर्वोपरि होता है. उसमें फैसले में कुछ चीज गलत भी होती हैं. कुछ सही भी होती हैं. जैसे-जैसे पूरे जिले में लोगों को जानकारी मिली है, तो मैं सोचता हूं ज्यादातर लोगों ने पार्टी के इस निर्णय की आलोचना की है कि इस तरह का फैसला नहीं होना चाहिए.

यह पूछे जाने पर के कितने समय तक आप बीएसपी में रहे हैं? सागर ने बताया, 1995 में सक्रिय रूप से राजनीति शुरू की थी और जिले में मंडल में और ज़ोन में कोई ऐसा पद नहीं बचा है जिसमें रहकर मैंने पार्टी के लिए कार्य नहीं किया हो. दो बार विधायक का चुनाव भी लड़ा हूं. 2009 में और 2022 में.  सरकार में रहकर दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहा. चार बार मैं जिला अध्यक्ष रहा हूं, मंडल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी लगातार मैं निभाई है और पार्टी के लिए काफी संघर्ष किया है  उत्तराखंड का प्रदेश प्रभारी भी रहा हूं. 

आगे क्या रणनीति होगी? इस सवाल पर सुरेंद्र सागर ने कहा, हमारी पार्टी में हमसे आस्था रखने वाले, उनसे चर्चा करके यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है. बहन जी से मेरी अपील है कि इस तरह के निर्णय लेने से बहुजन समाज पार्टी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है और सबसे ज्यादा नुकसान बहन जी के साथ समाज के उस वर्ग को हो रहा है, जो बहुजन समाज पार्टी को वोट देते हैं, सहयोग करते हैं, वह लोग पूरी तरीके से आज मायूस हैं.  अगर बहन जी के निर्णय सही हो जाएं तो बहुजन समाज पार्टी जो देश में तीसरे नंबर की पार्टी है, देश के पहले नंबर की पार्टी बन सकती है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement