रामपुर शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही है, वैसे वैसे सपा और भाजपा ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं. चुनाव प्रचार में सपा नेता आजम खान ने पूरी ताकत झोंक दी है. आजम खान ने मंगलवार को शुतरखाना में जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, आज जो मेरे और हमारे लोगों के साथ हो रहा है, उसका इंतकाम लेने के लिए कोई जरूर पैदा होगा.
आजम खान ने कहा कि भले ही मैं उस दिन रहूं या न रहूं लेकिन आप तो रहेंगे ही. आजम खान ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जैसा सलूक उनके साथ हो रहा है, अगर वैसा वे 4 सरकारों में रहने के बाद करते तो बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले यह पूछता कि पूछ लो आजम खान से, बाहर निकलना भी है या नहीं.
मैं कम अक्ल आदमी- आजम खान
आजम खान ने कहा कि मैं कम अक्ल आदमी हूं. अगर मुझे अक्ल होती तो वो लोग जो आज दावा कर रहे हैं कि 35 साल बाद हमने छोड़ा है, क्या मैं उन्हें छोड़ने के काबिल छोड़ देता. आजम खान ने कहा, दोस्तों जो आज तुम्हारे और हमारे साथ हुआ है, चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता तो बच्चों तुम्हारी मुस्कुराहटों की कसम खाकर कहता हूं कि बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले यह पूछता कि पूछ लो आजम खान से बाहर निकलना है या नहीं.'
आजम खान ने कहा, ''आज के माहौल में मैं आपसे यह कहने आया हूं, मैं सही था, मैं कल भी सही था, मैं आज भी सही हूं. मैंने कल भी जालिम को अच्छा नहीं कहा और आज भी जालिम को अच्छा नहीं कहूंगा.'' आजम ने कहा, ''मैं इंतजार करूंगा उस दिन का, मैं रहूं या न रहूं आप तो रहोगे. कोई न कोई आप में से ऐसा शख्स जरूर पैदा होगा, जो आज के हालात का इंतकाम लेगा. इंतकाम कभी हथियार से नहीं होता, उसी तरह से इंतकाम होगा, जिस तरह से हमें और हमारे प्यारों को बर्बाद किया गया. हमने तो काट ली जेल. लेकिन लोगों से गुजारे नहीं जाएंगे.
'कभी इंदिरा गांधी के नाम पर चिराग रोशन होता था'
आजम ने कहा, किसी ने यह नहीं सोचा था कि कभी जिसके नाम का चिराग रोशन और गुल होता था, मिसेज इंदिरा गांधी. लेकिन आज मिसेज इंदिरा गांधी की कांग्रेस का नाम खत्म हो गया और खासतौर से उस उत्तर प्रदेश में, जहां से उनके खानदान के लोग वजीरे आजम बनते थे. आज अगर कांग्रेस के किसी शहर में 10 लोग तलाश किए जाएं, तो नहीं मिलेंगे. कोई गुमान में ना रहे. आजम खान ने कहा, हमें मारने की कोशिशें की गईं. लेकिन नहीं मारा जा सका. कोरोना में मौत के बिस्तर पर 5 महीने लेटा रहा, लेकिन मौत नहीं आई. मैं नहीं मर सका. मैं जिंदा हूं. तुम्हारे सामने खड़ा हूं. याद रखना मैं जिंदा हूं.
सपा नेता आजम खान ने कहा, यह वक्त तो गुजर जाएगा बहुत आसानी से. उन्होंने कहा, 1977 में 19 महीने की जेल काटकर रामपुर पहुंचा था. जब जिंदगी की शुरुआत की थी और आज जब जिंदगी के इस मोड़ पर खड़ा हूं, तो जेल से निकला हूं और अरमान यह है कि फिर जेल में वापस भेज दिया जाए. फैसला वही होगा, जो मालिक ए हबीब चाहेगा. सपा नेता आजम खान ने कहा, याद करो भुज, गुजरात का मंजर. अगर ना मालूम हो तो अपने मोबाइल में गूगल से निकाल लेना और अंजाम सोच लेना और फिर मेरे इन जुमलो को तोल लेना तराजू में. मेरे जुल्म उस अंजाम से कहीं ज्यादा भारी साबित होंगे. इसलिए जमीन वालों के साथ जुल्म मत करो, हम भी इंसान हैं, हमारी हिस्सेदारी है.
हिंदुस्तान हमारा भी वतन- आजम खान
आजम खान ने कहा कि ये हिंदुस्तान हमारा भी वतन है. 1947 में आप नहीं जा सकते थे पाकिस्तान, लेकिन हम जा सकते थे. मगर हम नहीं गए क्योंकि यहां दिल्ली की जामा मस्जिद है, यहां हमारे बुजुर्गों की मजारें हैं. हमारे हुसर की यादगार ताजमहल है, हमारी बुलंदी की यादगार कुतुबमीनार है. हम नहीं गए अपना वतन छोड़कर. हम अकबर की यादों को छोड़कर नहीं गए. हम जोधा बाई की भी यादों को छोड़कर नहीं गए. तुमने कैसे खूबसूरत हिंदुस्तान को बहुत बदनुमा बनाने की शुरुआत की है.
सपा नेता आजम खान ने शायराना अंदाज में अपने ख्वाब का जिक्र करते हुए कहा, "देखे थे हमने जो वो हंसी ख्वाब क्या हुए", वो वादा हाय, अदल से कम ख्वाब क्या हुए.'' आजम खान ने कहा, हमसे तो बापू आपने यह कहा था कि न गोरे का न काले का, न छोटे का न बड़े का, न हिंदू का न मुसलमान का, ये वतन सबका होगा. इंसाफ तो सबके साथ होगा, हुआ इंसाफ. इसके साथ में इसकी मां जिसने इसे अपनी कोख से पैदा किया और कानून यह है कि मां जब कहेगी कि बच्चा कब पैदा हुआ कानून से मान लेगा मगर हम ऐसे बदनसीब हैं, जो पैदाइश को भी नहीं साबित कर सके. हम अस्पताल के सर्टिफिकेट को सच्चा साबित नहीं कर सके, हम नगर निगम के सर्टिफिकेट को सच्चा साबित नहीं कर सके, हम डॉक्टर के बयान को सच्चा साबित नहीं कर सके और मुजरिम बन गए. कहा गया कि दो पासपोर्ट हैं. नहीं दोस्तों एक पासपोर्ट खारिज हुआ, तो दूसरा बना है. कहा गया कि दो पैन कार्ड हैं. नहीं हैं. एक खारिज हुआ तब दूसरा बना. यह हमने पहले कभी नहीं कहा लेकिन आज इसलिए कहना चाहते हैं कि हम मुजरिम नहीं है, हम आपके मुजरिम हो सकते हैं लेकिन हम जालिमाना निजाम के मुजरिम नहीं हैं.