उत्तर प्रदेश की सरकार ने 72 किलोमीटर लंबे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम RRTS कॉरिडोर के निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है. इसमें गाजियाबाद के टॉप हिस्से और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर शामिल रहेंगे. सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 1600 करोड़ का फंड अप्रूव कर दिया है.
फंड का 50 प्रतिशत देगी उत्तर प्रदेश सरकार
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश चीफ सेक्रेटरी डीएस मिश्रा ने इस कॉरिडोर के लिए एक मीटिंग की थी. जिसमें नोएडा एयरपोर्ट और नेशनल कैपिटल रेंज एनसीआर के शहर जिसमें गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और दिल्ली शामिल कर कॉरिडोर को बनने के लिए अप्रूव कर दिया है. इस प्रोजेक्ट का फंड 50% उत्तर प्रदेश की सरकार देगी जबकि 20% सेंट्रल गवर्नमेंट इसका बजट देगा. बाकी 30 परसेंट यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yeida) देगा. इस 72 किलोमीटर के कॉरिडोर में 17 किलोमीटर गाजियाबाद का क्षेत्र होगा और बाकी जेवर एयरपोर्ट होगा.
बता दें कि रैपिड रेल की जिस रूट को स्वीकृति दी गई है, वह गाजियाबाद से शुरू होकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ग्रेटर नोएडा ईस्ट, परी चौक पर एक्वा लाइन से जुड़ेगा. इसके आगे सूरजापुर कासना रोड होते हुए कासना ईकोटेक-6, दनकौर होकर यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे के समांनातर नोएडा एयरपोर्ट तक जाएगा.
इस रूट पर होंगे कौन से स्टेशन?
मिली जानकारी के अनुसार, इस रूट पर गाजियाबाद रैपिड स्टेशन, गाजियाबाद साउथ, सेक्टर 4, ग्रेनो वेस्ट सेक्टर 2, नोलेज पार्क-5, सुरजापुर, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यीडा नार्थ सेक्टर 18 , यीडा सेंट्रल सेक्टर 21-35 होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचेगा.
2025 तक खुल जाएगा ये कॉरिडोर
RRTS रूट अप्रूव होने के बाद उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने नेशनल कैपिटल रेंज ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट DPR 2 महीने में तैयार करने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि 2025 तक यह कॉरिडोर आम जनता के लिए खुल जाएगा.