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ससुराल के जल से होगा रामलला का जलाभिषेक, 29 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा नेपाल का रथ

अयोध्या में रामलला के जलाभिषेक के लिए नेपाल की नदियों का जल एकत्रित किया गया है. बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला आदि नदियों का जल  भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा. 

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नेपाल की नदियों का जल अयोध्या ले जाया जाएगा.
नेपाल की नदियों का जल अयोध्या ले जाया जाएगा.

अयोध्या में भगवान राम के मंदिर प्राण प्रतिष्ठान का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही राम भक्तों की आस्था और विश्वास देखते ही बनती है. भगवान राम के ससुराल जनकपुर यानी नेपाल के लोग अपने दामाद के महल में प्रवेश को लेकर आतुर हैं. अपने राम और जानकी (सीता) के स्वागत को लेकर विभिन्न कार्यक्रम और अपना सहयोग कर रहे हैं.

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अयोध्या में रामलला के जलाभिषेक के लिए नेपाल की नदियों का जल एकत्रित किया गया है. बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला आदि नदियों का जल  भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा. 

नदियों के पवित्र जल को गहवा माई रथ यात्रा समिति के साथ नेपाल हिंदू परिषद की ओर से जनकपुर से अयोध्या ले जाएगा. राम मंदिर को लेकर नेपाल में राम भक्त काफी उत्साहित दिख रहे हैं. यहां बता दें कि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन में विभिन्न पवित्र नदियों के जल से भगवान की मूर्ति का स्नान कराया जाता है. 

समिति के मोहन प्रसाद, देवानंद प्रसाद कलवार ने बताया कि नेपाल के विभिन्न नदियों का जल संग्रह कर लिया गया है. 27 दिसंबर को जनकपुर में विधिवत पूजन के बाद जलाभिषेक का रथ विभिन्न स्थान से गुजरते हुए 29 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा. समिति के सदस्य श्री राम मंदिर जन्मभूमि न्यास को यह जल सौंपेंगे. 

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बता दें कि अयोध्या में  श्री राम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर के उद्घाटन में एक महीने का भी वक्त नहीं बचा है. 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं.
 

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