उत्तर प्रदेश में मिशन 2024 के मद्देनजर सियासी गतिविधियां शुरू हो गई हैं. साल के दूसरे ही दिन बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने यूपी के पदाधिकारियों और नेताओं के साथ मिशन 80 के एजेंडे पर मंथन किया तो अब आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मंगलवार को सात दिनों के यूपी प्रवास पर पहुंचे हैं. दत्तात्रेय सूबे की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक हालात पर मंथन करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शताब्दी वर्ष की तैयारियों को लेकर भी जायजा लेंगे.
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मंगलवार को यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे. बुधवार से 13 जनवरी के बीच काशी और गोरखपुर में बैठक करेंगे, जबकि 14 जनवरी को लखनऊ गोरक्ष और अवध प्रांत की बैठक करेंगे. मंगलवार को गोरखपुर क्षेत्र की बैठक करेंगे और फिर काशी क्षेत्र के साथ मंथन करेंगे. इस तरह 16 जनवरी तक सरकार्यवाह अलग-अलग बैठकें कर यूपी की सियासी नब्ज की थाह लेने के साथ-साथ आरएसएस के प्रचारकों और पदाधिकारियों की बैठकें भी करेंगे.
बता दें कि दत्तात्रेय होसबाले का केंद्र लखनऊ ही है, लेकिन देश भर में अलग अलग प्रांतों के दौरे के क्रम में यूपी में सात दिन का उनका प्रवास महत्वपूर्ण है. 2024 में लोकसभा चुनाव है और 2025 में आरएसएस के सौ साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में शताब्दी वर्ष को लेकर संघ ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और उस लिहाज से 2024 का चुनाव सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि आरएसएस के लिए भी अहम माना जा रहा है.
संघ इन दिनों शताब्दी वर्ष की तैयारी में जुटा है. इसी के साथ ही देश में एक लाख संघ शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. आरएसएस में अभी प्रचारकों की बैठक और संघ के अन्य विभागों की बैठकों का दौर चल रहा है. सरकार्यवाह सात दिनों के प्रवास के दौरान शताब्दी वर्ष को लेकर इन बैठकों में तैयारी और आरएसएस के कार्यों की समीक्षा ही नहीं बल्कि बीजेपी सहित संघ के आनुषांगिक संगठनों की समीक्षा भी करेंगे. इसके साथ ही 2024 के चुनाव की तैयारी और चुनाव में किस एजेंडे के साथ उतरना है, उसे भी दिशा देंगे.
दत्तात्रेय हौसबाले का यूपी दौरा बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री, संगठन बीएल संतोष के दो दिवसीय दौरे के बाद हो रहा है. इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी जनवरी में ही यूपी दौरा होना है. ऐसे में नड्डा और शाह के पहुंचने से पहले सरकार्यवाह यूपी पहुंचे हैं और संघ के अलग-अलग क्षेत्रों के साथ बैठक को अहम माना जा रहा है.
सरकार्यवाह 14 जनवरी को लखनऊ प्रांत की बैठक में प्रत्येक ब्लॉक तक संघ की शाखा स्थापित करने, संघ के विस्तारक तैयार करने, अयोध्या में राममंदिर निर्माण सहित राष्ट्रवाद से जुड़े अन्य मुद्दों को जनता के बीच पहुंचाने पर बात करेंगे. बैठक में संघ की वर्ष 2023 की कार्ययोजना पर भी मंथन होगा. इस दौरान वह क्षेत्रीय टोली के साथ भी मंथन करेंगे. 15 जनवरी को होसबाले मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में गोमती नगर विस्तार स्थित सीएमएस स्कूल में खिचड़ी कार्यक्रम में शामिल होने साथ वैचारिक संगठनों से भी बात करेंगे. 16 जनवरी को प्रबुद्ध जन सम्मेलन में मार्गदर्शन करेंगे.
वैसे तो सरकार्यवाह के दौरे और प्रवास को लेकर हमेशा की तरह संघ इसको आंतरिक बैठक ही बता रहा है, लेकिन वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सियासी हालात और आगे लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी ये प्रवास महत्वपूर्ण है. संघ के आगामी अभियान और कार्यक्रमों की आउटलाइन भी इन्हीं बैठकों में तय हो जाती है. यूपी सबसे बड़ी राजनीति ज़मीन है ऐसे में जब भी संघ के शीर्ष पदाधिकारी मार्ग दर्शन करते हैं तो सभी परिस्थितियों पर चर्चा से इनकार नहीं किया जा सकता.
संघ के पदाधिकारियों के अलावा बैठकों में बीजेपी और अन्य आनुषांगिक संगठनों की समीक्षा में भी आगे के लिए दिशा तय होती है. माना ये जा रहा है कि दत्तात्रेय होसबोले का दौरा यूपी में मिशन-80 के लिए सियासी जमीन तैयार करने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही वो शाखाओं की गतिविधियों और संघ की अन्य गतिविधियों की समीक्षा भी करेंगे. सरकार्यवाह के प्रवास के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता उनसे मुलाकात कर सकते हैं.