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प्रयागराज: कहानी उस रुखसाना की, जो हत्याकांड के वक्त MLA राजू पाल के बगल की सीट पर बैठी थी

इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में रहने वाले सादिक के तत्कालीन BSP विधायक राजू पाल के साथ पारिवारिक संबंध थे. जिस समय राजू पाल की हत्या हुई थी, उस दौरान क्वालिस गाड़ी में राजू पाल के साथ सादिक की पत्नी रुखसाना भी मौजूद थीं. रुखसाना आज भी 18 साल बीत जाने के बाद उस मंजर को भूल नहीं पा रही हैं. हमले में उनको दो गोलियां लगी थीं...

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सादिक और रुखसाना ने सुनाई राजू पाल हत्याकांड की दास्तां. (फोटो:Aajtak)
सादिक और रुखसाना ने सुनाई राजू पाल हत्याकांड की दास्तां. (फोटो:Aajtak)

तारीख: 25 जनवरी और साल: 2005. स्थान: उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद (अब प्रयागराज). समय था दोपहर के 1-2 बजे का. शहर के कर्बला इलाके में रहने वाले सादिक अपनी पत्नी रुखसाना को बाइक पर बैठाकर चौफटका पुल से नीचे की तरफ आ रहे थे, उसी दौरान उनकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता है. सादिक पैदल-पैदल अपनी बाइक को नजदीक के पेट्रोल पंप की ओर ले जाने लगते हैं और उनकी पत्नी रुखसाना पीछे पीछे चलने लगती हैं. तभी रास्ते में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की गाड़ी आ जाती है. अपने करीबियों को इस तरह चलते देख विधायक महोदय कार रुकवा लेते हैं और दोनों से कुशलक्षेम पूछते हैं. इसी दौरान उधर सादिक पेट्रोल भरवाने रुक जाते हैं, और इधर विधायक राजू पाल भाभी रुखसाना को साथ ले जाने की इजाजत लेते हैं और फिर उन्हें पास वाली सीट पर बैठाकर खुद गाड़ी ड्राइव करने लगते हैं. जैसे ही वो आगे बढ़ते हैं, वैसे ही उन पर गोलियों की बौछार शुरू हो जाती है. फिल्मी सीन की तरह विधायक कार को जैसे-तैसे भगाते हैं, लेकिन दोनों तरफ से अपराधियों की गोलियां उन्हें छलनी करती रहती हैं. पेट्रोल पंप से धूमनगंज के अमितदीप मोटर्स तक बदमाश उन्हें गोली मारते रहे. इस हमले में विधायक की मौत हो जाती है और रुखसाना गोलियों से घायल हो जाती हैं.    

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यह कहानी है बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड की. साल 2005 में 25 जनवरी की दोपहर बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड का आरोप बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर लगा था. राजू पाल हत्याकांड को लेकर कई बार मुख्य गवाह की हमेशा चर्चा होती रही है. लेकिन असल में मुख्य गवाह दंपती रुखसाना और सादिक हैं. 

सादिक और रुखसाना बताते हैं, साल दो हजार पांच में पच्चीस जनवरी की दोपहर वो दोनों गाड़ी से चौफटखा का पुल से नीचे आ रहे थे. उसी दौरान पेट्रोल खत्म हो गया तो वो पेट्रोल पंप की तरफ जल्दी से बढ़ने लगे. पेट्रोल भरवा रहे थे तब तक पीछे से उनके नजदीकी और बसपा विधायक राजू पाल की भी गाड़ी आ गई. तत्कालीन विधायक ने सादिक से कहा, भाभी (रुखसाना)  से हमें जरूरी बात करनी है. क्योंकि सादिक और रुखसाना ने उनकी (राजू पाल) की हत्या की प्लानिंग से जुड़ी कई बातें सुन रखी थीं, जिन्हें वह सुनना चाहते थे और खुद भी कई बातें करना चाहते थे. लेकिन राजू पाल चौफटका पेट्रोल पंप से रुखसाना को गाड़ी में बगल वाली सीट पर बैठाकर जैसे ही आगे बढ़े, वैसे ही घात लगाकर पीछा कर रहे अपराधियों ने उनको घेरकर फायरिंग करना शुरू कर दी और धूमनगंज के अमितदीप मोटर्स तक गोली मारते रहे. 

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जब बीएसपी के तत्कालीन विधायक को अपराधियों ने गोली मारी तो 2 गोलियां रुखसाना को भी लगी थीं. रुखसाना की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गईं. लेकिन राजू पाल की इस घटना में जान चली गई.  घटना के 18 साल बीत जाने के बाद भी रुखसाना उस मंजर को भूल नहीं पाती हैं. रुखसाना कहती हैं कि उस दिन चारों तरफ गोलियों की आवाज गूंज रही थी. देखें Video:-

अब 24 फरवरी को जब प्रयागराज में राजू पाल के करीबी उमेश पाल की हत्या हुई तो अब दंपती सादिक और रुखसाना को भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा है. रुखसाना कहती हैं कि कई बार अपराधियों ने हम लोगों को जान से मारने की धमकी दी है. अतीक अहमद अपने कई बदमाशों के जरिए हम लोगों को दूसरे केस में फंसाने की कोशिश भी कर चुका है. उमेश पाल मर्डर केस  के बाद रुखसाना अपने और अपने परिवार के जान का खतरा मान रही हैं और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी कर रही हैं. 

दंपती ने बताया कि साल 2005 में उनका परिवार प्रयागराज के कर्बला में रहा करता था. चूंकि माफिया डॉन अतीक अहमद का घर कर्बला से काफी पास था, तो राजू पाल हत्याकांड के बाद से वह लोग करेलाबाग में आकर रहने लगे. क्योंकि लगने लगा था कि मुख्य गवाह होने के कारण अतीक अहमद नुकसान पहुंचा सकता है.  

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गवाही नहीं देने का बनाते हैं दबाव

यही नहीं, मोहम्मद सादिक कहते हैं कि अतीक अहमद और अशरफ मिलकर कई बार हम पर राजू पाल हत्याकांड में गवाही ना देने का दबाव बनाते हैं और कई बार हमला भी कराने की कोशिश की है. पति-पत्नी यह भी कहते हैं कि हम लोगों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है. साल 2020 में हम लोगों को सुरक्षा भी मिली थी. लेकिन अब सुरक्षा नहीं है. यही वजह है कि कोर्ट में गवाही देने जाना था. लेकिन फिर कोर्ट में लिखकर यह देना पड़ा कि हमारे पास सुरक्षा उपलब्ध नहीं है, इस वजह से हम नहीं आ सके. 

अतीक को सजा दिलाकर रहूंगा

18 साल पहले के मंजर को बयां करते हुए रुखसाना के पति सादिक ने बताया, ''आज भी यह मंजर मैं भूल नहीं पाता हूं. उस घटना का एक-एक पल मुझको याद है. घटना वाले दिन जब गोलियां चल रही थीं, सड़क पर अफरातफरी मच गई थी, राहगीर इधर उधर भाग रहे थे, वो सब याद है. जब मैं विधायक राजू पाल की क्वालिस गाड़ी की तरफ गया तो ड्राइविंग सीट पर राजू पाल गोलियों से जख्मी पड़े थे और मेरी पत्नी रुखसाना के सीने पर गोलियां लगी थीं. दोनों लहूलुहान थे. फिर दोनो को निकालकर लोगों की मदद से जीवन ज्योति हॉस्पिटल भेजा था. राजूपाल को हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था, तब वह जिंदा थे. लेकिन हॉस्पिटल जाते ही उनकी मौत हो गई.''

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बताया गया कि राजू पाल पर हमले करने वालों की संख्या करीब दो दर्जन थी. राजू पाल का जिस्म गोलियों से छलनी हो चुका था. इस दौरान उनके समर्थकों ने राजू को एक टेंपो में डालकर अस्पताल ले जाने की कोशिश की. हमलावरों को लगा कि कहीं राजू बच न जाएं, इसलिए उन्होंने 5 किलोमीटर तक टेंपो का पीछा किया और उस पर फायरिंग कर दी. अस्पताल पहुंचते-पहुंचते राजू पाल की मौत हो गई थी. राजूपाल के साथ कार में मौजूद दो अन्य लोग भी मारे गए. राजू पाल को 19 गोलियां लगी थीं. राजू पाल के साथ अपने परिवार की तस्वीरें दिखाते सादिक:-

राजू पाल की पत्नी पूजा ने दर्ज कराया था मामला
बता दें कि राजू पाल की मौत के मामले में पत्नी पूजा पाल की शिकायत पर अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ अहमद समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. विधायक राजू पाल की मौत से ठीक 9 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी. राजू की मौत के बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर फिर से उपचुनाव हुए. जिसमें राजू पाल की पत्नी पूजा पाल को बसपा ने टिकट दिया. लेकिन इस बार अतीक के भाई अशरफ ने पूजा पाल को हरा दिया.

उमेश को मार दिया तो हमें भी...

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह सादिक कहते हैं कि अतीक अहमद और उनके लोग इतने बड़े अपराधी हैं कि किसी की, कभी भी हत्या कर सकते हैं. लेकिन मैं ऐसे दुर्दांत अपराधियों को और उनके पूरे कुनबे को सजा दिलाकर रहूंगा. चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए. वह कहते हैं कि इतनी सुरक्षा के बीच जब उमेश पाल को मार दिया. हमारे पास तो कोई सुरक्षा नहीं है, हमें भी कभी भी मारा जा सकता है. दंपत्ति को अपने परिवार को लेकर डर सता रहा है. बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ लोग नहीं बोल पाते, लेकिन यह दंपति खुलेआम कहता है कि हम राजू पाल हत्याकांड में गवाही जरूर देंगे और इनके सारे आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगे. 

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क्या है उमेश पाल हत्याकांड?

प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. 

अतीक का पूरा परिवार आरोपी 

शूटर्स के अलावा उमेश पाल हत्याकांड में गुजरात की जेल में बंद कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक का भाई अशरफ और उसके बेटों को आरोपी बनाया गया है. एक बेटा फिलहाल फरार है, जबकि दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया है. वहीं, अशरफ दूसरे मामलों को लेकर बरेली जेल में बंद है. 

 

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