यूपी के सहारनपुर का पूर्व बसपा एमएलसी और खनन माफिया मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल (Mohammad Iqbal alias Haji Iqbal) चर्चा में है. दरअसल, इकबाल की ग्लोबल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और जमीन ईडी ने कुर्क कर ली है, जिसकी कीमत 4440 करोड़ रुपए है. मोहम्मद इकबाल की पहले भी अरबों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. ऐसे में सवाल है कि आखिर उसके पास इतनी संपत्ति कहां से आई और कैसे हाजी इकबाल ने इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया.
मिर्जापुर के रहने वाले कुछ बुजुर्ग लोगों का कहना है कि एक जमाने में मोहम्मद इकबाल आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. उसने एक परचून की दुकान खोली थी, जो शुरू में तो नहीं चल पाई, फिर धीरे-धीरे दुकान चलने लगी. इसी के साथ मोहम्मद इकबाल ने शहद बेचने का काम शुरू किया. दुकान चलाते और शहद बेचते-बेचते इकबाल की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक होने लगी. इसी बीच मोहम्मद इकबाल ने राजनीति में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया.
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प्रदेश में जब बसपा की सरकार थी तो हाजी इकबाल बसपा में शामिल हो गया. मोहम्मद इकबाल का जहां घर है, वह एक घाड क्षेत्र है. इस इलाके में गर्मियों में सूखा पड़ जाता है और बारिश के मौसम में बाढ़ आ जाती है. इस इलाके में खनन का कारोबार अधिक होता है. वहां मोहम्मद इकबाल ने धीरे-धीरे खनन में अपना हाथ जमाना शुरू कर दिया. खनन का कारोबार इतना बढ़ गया था कि मोहम्मद इकबाल ने बसपा सरकार में रहते हजारों करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया.
पहले इकबाल के नाम से जानते थे लोग
मोहम्मद इकबाल को पहले सभी इकबाल के नाम से जानते थे, लेकिन जब बसपा ज्वाइन कर ली, तो इसके बाद मोहम्मद इकबाल के नाम से पहचान बनी. मोहम्मद इकबाल उर्फ हाजी इकबाल ने जब खनन का कारोबार खड़ा कर लिया और अरबों की संपत्ति बना ली तो ग्लोकल यूनिवर्सिटी शुरू की. ये यूनिवर्सिटी इकबाल ने अपने लड़के के नाम से चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर शुरू की.
हाजी इकबाल बसपा सरकार में रह चुका है एमएलसी
खनन माफिया मोहम्मद इकबाल बसपा की पार्टी में MLC रह चुका है. उसने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अच्छा खासा कारोबार फैला रखा है. प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो मोहम्मद इकबाल के बुरे दिन शुरू हो गए. जैसे ही भाजपा ने खनन कारोबारियों और आय से अधिक संपत्तियों की जांच कर कार्रवाई शुरू की तो मोहम्मद इकबाल भारत छोड़कर दुबई भाग गया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खनन कारोबार में इकबाल एक बड़ा नाम रहा है. अधिक संपत्ति और धन दौलत के मामले में वह बड़ा माफिया रहा है. बसपा सरकार में चीनी मिल को कौड़ियों के दाम खरीदने में भी इकबाल का नाम सामने आया था, जिसमें अरबों की संपत्ति इकट्ठी कर ली थी.
भाजपा सरकार बनने के बाद संपत्तियों पर बैठी जांच
साल 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद इन्हीं संपत्तियों पर जांच बैठ गई और वह जांच करीब 4 साल तक चली. उस समय सहारनपुर में एसएसपी आकाश तोमर पदस्थ थे, जिन्होंने सबसे पहले 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति को कुर्क किया था. इसके कुछ समय बाद 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर कार्रवाई की गई.
धीरे-धीरे मोहम्मद इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ लोगों को धमकाने व अवैध कब्जा करने और अवैध खनन करने व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हुए. इसमें इकबाल को अरेस्ट करने का आदेश जारी हो गया. इकबाल को गिरफ्तार किया जाता, उससे पहले ही साल 2022 में इकबाल इंडिया छोड़कर दुबई चला गया.
इकबाल के कई मकानों पर चल चुका है बुलडोजर
सरकार ने एक्शन लेते हुए इकबाल के कई मकानों पर बुलडोजर चला दिया. कई पर नोटिस चस्पा कर कब्जे में ले लिया. धीरे-धीरे इकबाल की पूरी फैमिली संकट में आ गई. इकबाल के बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जो अभी जेल में हैं.
अब ED ने इकबाल के बेटे के नाम पर चल रही ट्रस्ट की ग्लोबल यूनिवर्सिटी की 4440 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर कुर्क किया है. सहारनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि जैसे ही हमें कोई आदेश मिलेंगा, उसके आधार पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.