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'तुरंत हटाइए, नहीं मुकदमा दर्ज कराऊंगी', सहारनपुर तहसील में हुक्का पी रहे किसानों को महिला SDM ने हड़काया, VIDEO

Saharanpur News: एसडीएम संगीता राघव को कुछ किसान तहसील परिसर में ही हुक्का पीते दिखाई दिए. जिसपर उन्होंने किसानों को टोक दिया, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऑफिस के बाहर हुक्का पीना बंद नहीं किया तो जेल भेज दिया जाएगा. ये सुनकर किसान नेता नाराज हो गए.

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सहारनपुर: SDM ने हुक्का पीने वालों को फटकार लगाई
सहारनपुर: SDM ने हुक्का पीने वालों को फटकार लगाई

यूपी के सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील में दर्जनों किसान तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. इसी दौरान एसडीएम संगीता राघव को कुछ किसान तहसील परिसर में ही हुक्का पीते दिखाई दिए. जिसपर उन्होंने किसानों को टोक दिया, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सार्वजनिक जगह पर हुक्का पीना बंद नहीं किया तो जेल भेज दिया जाएगा. ये सुनकर किसान नेता नाराज हो गए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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दरअसल, 7 अक्टूबर को गंगोह ब्लॉक के गांव नागल राजपूत के किसान तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. इसी दौरान एसडीएम संगीता राघव को तहसील परिसर में किसान हुक्का पीते हुए नजर आए. जिसपर एसडीएम ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और चेतावनी दी कि अगर यहां से हुक्का नहीं उठाया गया, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. 

संगीता राघव (एसडीएम) का कहना है कि सरकारी कार्यालय के परिसर में हुक्का पीना कानून के खिलाफ है और कई चेतावनियों के बावजूद किसान मान नहीं रहे थे. वे चार घंटे तक वहीं पर बैठकर हुक्का पीते रहे. धरने पर बैठे किसानों ने कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी थी. तहसील परिसर में इस प्रकार का व्यवहार अनुचित है. किसान वहीं बैठकर नारेबाजी करते रहे और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने से मना कर दिया. 

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किसान नेता ने की आलोचना 

वहीं, इस पूरे मामले में किसान यूनियन वेलफेयर की राष्ट्रीय अध्यक्ष रितु सैनी ने एसडीएम संगीता राघव के व्यवहार की कड़ी आलोचना की है और कहा कि एसडीएम का संतुलन बिगड़ा हुआ है, उन्हें इलाज की जरूरत है. एसडीएम को छुट्टी पर भेजना चाहिए. रितु सैनी का कहना था कि किसान अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे, लेकिन एसडीएम का व्यवहार अपमानजनक था. 

एसडीएम ने क्या कहा? 

एसडीएम संगीता राघव ने बताया कि यह घटना 7 तारीख की है, जब वह जनसुनवाई कर रही थीं. तभी उन्हें सूचना मिली कि कुछ लोग उनके ऑफिस के बाहर हुक्का पी रहे हैं. इसके बाद वह मौके पर पहुंचीं तो देखा कि सच में कुछ लोग हुक्का पी रहे थे. जिसपर उन्होंने उन लोगों को हुक्का हटाने का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद धरने पर बैठे किसान नहीं माने. 

इस मामले में प्रशासन द्वारा किसान यूनियन के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि बिना अनुमति के धरना क्यों किया गया और तहसील परिसर में इस प्रकार का अनुशासनहीन व्यवहार क्यों किया गया?

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