यूपी के फर्रुखाबाद में पांचाल घाट पर माघ मेला में साधु-संतों ने विरोध-प्रदर्शन कर इटावा-बरेली हाईवे पर जाम लगा दिया. इससे जिला प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. प्रशासन साधु-संतों की मान-मनौव्वल में जुटा. इस बीच हाईवे पर काफी लंबा जाम लग गया.
जूना अखाड़ा के साधु-संतों ने आरोप लगाया कि माघ मेला के उद्घाटन समारोह में निमंत्रण पत्र पर किसी भी व्यास अखाड़े या साधु-संत का नाम नहीं है. मेले में लगातार साधु-संतों का उपेक्षा की जा रही है. मेले में कल्पवासियों के लिए कोई भी सुविधा जिला प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराई है.
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साधु संतों का कहना है कि यह माघ मेला जूना अखाड़ा, वैष्णव संप्रदाय और दंडी स्वामी के नेतृत्व में होता है. मेले में जिला प्रशासन द्वारा तीनों अखाड़ों का न तो द्वार बनाया गया, न ही निमंत्रण पत्र पर अखाड़ों का नाम है. इस कारण साधु-संतों में रोष है.
जाम खुलवाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी
इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने साधु-संतों को काफी समझाया. इसके बाद साधु-संतों की मांग को स्वीकार किया. विरोध-प्रदर्शन के कारण हाईवे पर काफी लंबा जाम लग गया. इसको खुलवाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
इस कारण हम लोग प्रदर्शन कर रहे- महंत सत्य गिरि
इस मामले में महंत सत्य गिरि ने कहा कि माघ मेला तीन समितियां द्वारा मनाया जाता है. इस बार तीनों समितियां को न तो द्वार बनाया गया है और न ही कोई बैनर लगाया गया है. अन्य साधु-संतों को तरजीह दी जा रही है. बैनर पर उनका नाम भी है. कल्पवासियों को कोई सुविधा भी नहीं मिल रही है. इस कारण हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.