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बदायूं में डबल मर्डर के आरोपी साजिद के एनकाउंटर में पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें खुलासा हुआ है कि रात के अंधेरे में गोली लगते ही साजिद चिल्लाया था... ए खुदा आज बचा ले. पुलिस ने साजिद के पास से 315 बोर का एक तमंचा, चार खोखा कारतूस और 4 जिंदा कारतूस बरामद किए थे.
साजिद इनकाउंटर मामले में बदायूं के सिविल लाइंस थाने में सब इंस्पेक्टर सुमित कुमार की तरफ से आईपीसी की धारा 307 के साथ ही 3/25/27 आर्म्स एक्ट में केस दर्ज करवाया गया है. बदायूं कांड के बाद 19 मार्च 2024 को मंगलवार की रात 9:50 पर शेखपुर इलाके के दबरई के जंगल में पुलिस ने साजिद का एनकाउंटर कर दिया था.
साजिद को लगी थीं तीन गोलियां
पुलिस ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि साजिद ने अपने 315 बोर के तमंचे से पुलिस पर 6 से 7 राउंड फायर किए थे. साजिद की तरफ से चलाई गई गोली में एक गोली सिविल लाइंस थाने के इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी थी. वहीं, दूसरी गोली इंस्पेक्टर के पैर में लगी थी.
जवाबी फाइरिंग में पुलिस ने साजिद पर तीन गोलियां चलाई थीं. साजिद के पोस्टमार्टम में भी उसे 3 गोली लगने की पुष्टि हुई थी. पुलिस ने बताया कि जवाबी फायरिंग में इंस्पेक्टर सिविल लाइंस गौरव बिश्नोई, सब इंस्पेक्टर सुमित कुमार और सब इंस्पेक्टर चंद्रपाल सिंह ने साजिद पर गोली चलाई थी.
एफआईआर में लिखा है यह
बदायूं पुलिस की एफआईआर में लिखा है… इस व्यक्ति ने पुलिस पार्टी के बारे में सुनकर एक दम हम पुलिस वालों को जान से मारने की नीयत से हमारे ऊपर फायर झोंक दिया. फायर करने के बाद फिर से वह भागने लगा. पुलिस पार्टी द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुए इसके नजदीक जाकर प्रभारी निरीक्षक ने उसे दोबारा ऊंची आवाज में चेतावनी देते हुए कहा कि मैं प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन गौरव विश्नोई हूं.
आपको पुलिस ने घेर लिया है. आप रुक जाओ और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. इस पर इस व्यक्ति ने पुनः हम पुलिस वालों पर जान से मारने की नीयत से फायर झोंक दिया, जो प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई की पहनी बुलेट प्रूफ जैकेट में आकर सीने पर लगा. बुलेट प्रूफ जैकेट होने की वजह से उनकी जान बच गई. फिर भी प्रभारी निरीक्षक और हमराह पुलिस टीम ने इसकी गिरफ्तारी के उद्देश्य से इसे बार-बार रुकने के लिए कहा.
रुक-रुककर फायरिंग कर रहा था आरोपी
पुलिस की अपील का इस पर कोई असर नहीं हुआ. वह अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर काफी देर तक रुक-रुककर हम पुलिसकर्मियों पर जान से मारने की नीयत से फायर करता रहा. इस दौरान इस अभियुक्त ने पुलिस पार्टी पर करीब छह-सात राउंड फायर किए. इसी बीच प्रभारी निरीक्षक महोदय गौरव विश्नोई ने चिल्लाकर कहा कि उनके पैर में गोली लगी है और वह बाल-बाल बचे हैं.
इस पर इस व्यक्ति की गिरफ्तारी का कोई अन्य उपाय न होने की दशा में इसे ओवर पावर करने और इसकी गिरफ्तारी के मकसद से प्रभारी निरीक्षक ने आदेश दिया. पुलिस पार्टी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए साहस और शौर्य का परिचय दिया. सिखाए गए तरीके से पुलिस टैक्टिस का प्रयोग करके भौगोलिक स्थिति के अनुसार सड़क के पास स्थित खेतों में आड़ ली गई.
गोली लगते ही चिल्लाया बदमाश...
इसके बाद अपनी रक्षा के लिए पुलिस की तरफ से कम से कम फायर किए गए. प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई और उपनिरीक्षक चंद्रपाल सिंह ने अपनी सरकारी से एक राउंड फायर किया. मैंने अपनी सरकारी पिस्टल से एक राउंड फायर फायर किया. तभी फायर करने वाले बदमाश की ओर से आवाज आई कि ऐ खुदा आज बचा ले.
यह कहकर बदमाश गिर पड़ा. इस पर बदमाश के गिरने की दिशा में टॉर्च की रोशनी डालकर सतर्कतापूर्वक सिखलाई हुए तरीके से धीमे-धीमे बदमाश के पास पहुंचे, तो उसके कराहने की आवाज सुनाई पड़ी. नजदीक जाकर देखा, तो पाया कि इसके दाहिने हाथ के पास एक तमंचा पड़ा है और बदमाश कराह रहा है. प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई भी घायल हैं और कराह रहे हैं.