कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के चुनावी घोषणा को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी साथ मिला है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश और समाज में नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, एक समय था जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी प्रतिबंध लगाया था.
अखिलेश यादव ने कहा है, 'भाजपा राज में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है, विकास रुक गया है. उन्होंने कहा, देश और समाज में नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, एक समय था जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाया था.'
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी ने बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम लेते हुए कहा कि उसके सत्ता में आने पर ऐसे संगठनों पर 'कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई सहित प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की जायेगी.'
अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार हमलावर रहे हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कराई गई लेखपाल भर्ती परीक्षा को लेकर हाल ही में सवाल उठाए थे. अखिलेश ने ट्वीट कर कहा था कि लेखपाल भर्ती परीक्षा में जिस महिला अभ्यर्थी को नकल करते हुए पकड़ा था, उसे उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया है.
अखिलेश यादव ने इसे ईमानदारी से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के साथ अन्याय बताते हुए जांच कराए जाने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नकल माफिया का अमृतकाल चल रहा है.
यूपी में चल रहे निकाय चुनाव में भी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट करके भाजपा पर आरोप लगाया है. सपा नेता ने कहा कि बीजेपी पूरे उत्तर प्रदेश में धनबल का दुरुपयोग करके चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेने के लिए कहा है, साथ ही अपील की है इसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.