यूपी में नमाज के लिए रोडवेज बस रुकवाने के आरोप में निलंबित चल रहे कंडक्टर की मैनपुरी में ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मोहित ने आत्महत्या की है. अब इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है. कंडक्टर मोहित यादव की मौत पर सपा ने पीड़ित के परिवार में से किसी को सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई है.
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, कंडक्टर मोहित यादव ने जो आत्महत्या की है, इसके लिए सरकार को उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए और 50 लाख का मुआवजा सरकार पीड़ित परिवार को दे. बता दें कि समाजवादी पार्टी अपनी तरफ से 2 लाख रुपये की मदद कर रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरा है.
कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार को घेरा
इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि वर्तमान सरकार का डर समाज के हर वर्ग में कहीं ना कहीं मानवता को शर्मसार कर रहा है. अगर किसी ने गाड़ी रोक कर किसी की धर्म की चीज को करा दिया तो उसका वीडियो वायरल करना और फिर उसे नौकरी से निकाल देना यह कहां का न्याय है. एक विशेष वर्ग के खिलाफ चाहे वह नूंह की घटना हो या फिर मैनपुरी की या फिर बरेली, ऐसी घटनाएं मानवता और सरकार को शर्मशार कर रही हैं.
परिवहन मंत्री ने दिया ये बयान
वहीं मोहित यादव की मौत पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है. लेकिन इस मामले में कार्रवाई सरकारी नियमों के हिसाब से की गई. कार्रवाई लोगों के शिकायत पर की गई थी और यह कार्रवाई 3 महीने पहले की गई थी. परिवहन मंत्री ने कहा कि मोहित यादव के बारे में पता चला है कि वह कुछ नशा करने लगा था और अगर वह इतना ही नाराज था तो वह खुदकुशी उस वक्त ही कर सकता था. किसी का भी खुदकुशी करना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन 3 महीने बाद हुई इस मौत की जांच होनी चाहिए.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि संविदा पर तैनात कर्मियों के लिए अलग नियम है और यह सुप्रीम कोर्ट से मान्य है. इसलिए अगर किसी को हटाया जाता है तो वह कानूनी तरीके से ही होता है. हालांकि अभी तक 10 हजार लोगों को अलग-अलग विभागों में संविदा कर्मियों के पद से हटाया जा चुका है.
कैसे हुई मोहित यादव की मौत
बता दें कि मोहित का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. यूपी रोडवेज का सस्पेंडेड कंडक्टर मोहित यादव मैनपुरी के घिरोर थाना क्षेत्र के नगला खुशाली का रहने वाला था. वह बरेली डिपो में संविदा पर परिचालक के पद पर तैनात था. 3 जून को मोहित यादव बस को बरेली से दिल्ली लेकर जा रहे थे. शहर से निकलते ही किसी वजह से बस रोक दी गई.
बस के यात्रियों ने पढ़ी थी नमाज
इस दौरान बस सवार कुछ यात्रियों ने बस के आगे ही नमाज पढ़ी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए रोडवेज के अधिकारियों ने मोहित को निलंबित कर दिया था. उसके बाद से मोहित अपने गांव नगला खुशाली में रहने लगा था.
ट्रेन चालक ने स्टेशन मास्टर को दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, वह गांव से घिरोर स्थित अपने घर नगला खुशाली के लिए निकला था, लेकिन पहुंचा नहीं. रात में कोसमा स्टेशन के क्रासिंग के पास आनंद विहार एक्सप्रेस की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. ट्रेन के चालक ने स्टेशन अधीक्षक को ये सूचना दी कि कोई व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया.
शव के पास पड़े मोबाइल से हुई पहचान
मोबाइल फोन से मोहित यादव की पहचान हो पाई तो उसके परिजनों को सूचना दी गई. गांव वालों और परिजनों की मानें तो निलंबित होने के बाद मोहित डिप्रेशन में रहने लगा था, लेकिन किसी को जरा भी आभास नहीं था कि मोहित ऐसा कदम भी उठा सकता है.