उत्तर प्रदेश सरकार के बजट को समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे ने 'दिखावे का बजट' बताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट को मैं जीरो नंबर देता हूं. इस बजट से विकास को रफ्तार तो क्या किसी प्रकार से कोई मदद नहीं मिलेगी. बजट में नौजवान और बेरोजगारों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है. वहीं, शिवपाल यादव ने कहा कि यूपी का यह बजट एक बड़े घोटाले की पटकथा है. अगर यही विकास है तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए और इसलिए मैं इस बजट को पूरी तरह से खारिज करता हूं.
बकौल शिवपाल यादव- "मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार जुमलों की किताब की जगह जनता की जरूरत का बजट बनाएं. इस बार सिर्फ लफ्फाजी थी. आम लोगों के लिए कुछ नहीं था. हम 2027 में जनता के हित में एक बेहतर बजट लाएंगे..."
वहीं, कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना का कहना है कि यह बजट 'खोखला बजट' है. सरकार ने इस बजट में कुछ भी नया प्रावधान नहीं किया है. बजट में कोई भी योजना लोक कल्याणकारी दिखाई नहीं देगी.
सपा नेता के बयान पर यूपी सरकार में मंत्री नितिन अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि इन्हें केवल राजनीति करनी है. अगर अयोध्या, काशी, कुंभ को लेकर बजट में अच्छे ऐलान होते हैं तो इससे भी इन्हें परेशानी होती है. इन्हें हर चीज में निगेटिव ही दिखता है.
उधर, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट (वित्तीय वर्ष 2025-26) प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की आशा और आकांशा को परिलक्षित कर रहा है. यह बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुख एवं आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बजट में युवाओं, महिला शक्ति, अन्नदाता, गरीब, वंचित सहित समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को लेकर बजट में कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं. यह बजट निश्चित तौर पर नए भारत और नए उत्तर प्रदेश को वैश्विक मंच पर नंबर एक बनाने में सहायक सिद्ध होगा. प्रधानमंत्री के कुशल एवं दूरदर्शी नेतृत्व में प्रस्तुत किया जा रहा उत्तर प्रदेश सरकार यह बजट प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा. रामराज्य की अवधारणा को साकार करने वाले इस बजट के लिए मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री का हार्दिक आभार एवं अभिनंदन.