राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर भाजपा के पक्ष में वोट डालने वाले उत्तर प्रदेश के सपा नेता अभय सिंह को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. अब सपा विधायक अभय सिंह की सुरक्षा में CRPF के जवान तैनात रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, मनोज कुमार पांडे को Y प्लस और राकेश प्रताप सिंह को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों ने एनडीए के समर्थन में मतदान किया था. इसकी वजह से बीजेपी के संजय सेठ जीत गए थे. वह साल 2019 में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. सपा के राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने संजय सेठ को वोट दिया था.
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए बीजेपी के आठ और समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवार उतारे थे. सत्तारूढ़ बीजेपी के पास सात और प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने की संख्या थी.
दरअसल, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को लगभग 37 वोटों की जरूरत थी. हालांकि, बीजेपी ने आठवां उम्मीदवार भी उतार दिया, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया. क्रॉस वोटिंग का फायदा बीजेपी को मिला और उसका आठवां उम्मीदवार भी राज्यसभा पहुंच गया.
राज्यसभा चुनाव में नहीं पड़े थे 8 नेताओं के वोट
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं. विधानसभा के चार सदस्यों के निधन के बाद चार सीटें खाली हैं. सपा के रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी जेल में बंद हैं. ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भासपा के अब्बास अंसारी भी जेल में हैं. वहीं, सपा विधायक महाराजी प्रजापति वोट देने नहीं आईं. इसलिए चुनाव में 395 विधायकों ने ही वोटिंग की. लिहाजा, राज्यसभा चुनाव में आठ वोट नहीं पड़े.
भाजपा और सपा के इन नेताओं को मिली थी जीत
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार सुधांशु त्रिवेदी को 38, तेजवीर सिंह को 38, अमरपाल मौर्य को 36, संगीता बलवंत बिंद को 36, RPN सिंह को 34, साधना सिंह को 34, नवीन जैन को 34 और संजय सेठ को 29 वोट मिले थे. वहीं, सपा उम्मीदवार जया बच्चन को 41 और रामजी लाल सुमन को 37 वोट मिले थे. सपा में क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के आलोक रंजन हार गए थे. उन्हें महज 16 वोट मिले थे.