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विकास दुबे से लेकर मंगेश यादव तक... जानिए यूपी में एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों के 'जातीय आंकड़े'

सुल्तानपुर में दिनदहाड़े ज्वैलरी शोरूम में हुई डकैती की वारदात में शामिल मुख्य आरोपी और एक लाख के इनामी मंगेश यादव को STF ने एनकाउंटर में मार गिराया. मंगेश के एनकाउंटर के बाद यूपी में अपराधी की 'जातीय सियासत' गर्म हो उठी.

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सुल्तानपुर में मंगेश यादव का एनकाउंटर
सुल्तानपुर में मंगेश यादव का एनकाउंटर

यूपी के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को दिनदहाड़े ज्वैलरी शोरूम में हुई डकैती की वारदात में शामिल मुख्य आरोपी और एक लाख के इनामी मंगेश यादव को STF ने एनकाउंटर में मार गिराया. मंगेश के एनकाउंटर के बाद अपराधी की 'जातीय सियासत' गर्म हो उठी. सपा चीफ अखिलेश यादव ने पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधी की जाति देखकर एनकाउंटर किए जाते हैं. इन सबके बीच आइए जानते हैं कि आखिर कौन था मंगेश यादव जिसको लेकर उत्तर प्रदेश में अपराधी की जाति पर सियासत होने लगी है और क्या है यूपी में मारे गए अपराधियों के जातीय आंकड़े?

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दरअसल, बीते दिनों सुल्तानपुर की शहर कोतवाली में दिनदहाड़े एक ज्वैलरी शोरूम में घुसकर बदमाशों ने करोड़ों की डकैती को अंजाम दिया तो सवाल कानून व्यवस्था पर खड़े होने लगे. आनन-फानन में अपराधियों की धर पकड़ शुरू हुई. घटना के 6 दिन बाद यानी 3 सितंबर को सुल्तानपुर पुलिस ने तीन बदमाशों को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार कर लिया. इन बदमाशों के नाम थे- सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन. 

इसके अगले दिन (4 सितंबर) इस वारदात को अंजाम देने वाले गैंग के एक अन्य आरोपी विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में सरेंडर कर दिया. फिर 6 सितंबर को UP STF ने एक लाख के इनामी मंगेश यादव को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. 

अभी 9 आरोपी हैं फरार 

फिलहाल, सुल्तानपुर डकैती में शामिल पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. फरार चल रहे 9 आरोपियों- फुरकान, अरबाज, अंकित यादव, अजय यादव, अरविंद यादव, विनय शुक्ला, विवेक सिंह, अनूप प्रताप सिंह और दुर्गेश प्रताप सिंह पर एक-एक लाख का इनाम घोषित है. 

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मंगेश यादव

2017 से अगस्त 2024 तक हुए एनकाउंटर के आंकड़ें

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 से अगस्त 2024 तक 207 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं. वहीं, जिस यूपी STF पर मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं उसी एसटीएफ ने मई 2023 से 5 सितंबर 2024 तक मुठभेड़ में कुल 9 अपराधियों को ढेर किया है. 

इन 16 महीनों में मारे गए अपराधियों की लिस्ट 

 1 जाट- अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना

3 मुस्लिम- गुफरान, राशिद कालिया, शाहनूर उर्फ़ शानू

1 ब्राह्मण- विनोद उपाध्याय

2 ठाकुर- सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी और निलेश कुमार

2 यादव- पंकज यादव और मंगेश यादव 

अब बात अगर उत्तर प्रदेश में मारे गए अपराधियों के जातीय आंकड़ों की करें तो मार्च 2017 से अप्रैल 2023 तक उत्तर प्रदेश में कुल 183 अपराधी मारे गए. मारे गए इन 183 अपराधियों में- 61 मुस्लिम, 18 ब्राह्मण, 16 ठाकुर, 15 जाट और गुर्जर, 14 यादव, 13 दलित, 3 ट्राइब्स, 2 सिख, 7 ओबीसी, 34 अन्य शामिल हैं. 

सपा ने उठाए सवाल 

हालांकि, इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह 'साजन' मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैं कि ये एनकाउंटर नहीं हत्या है. पुलिस सोमवार को मंगेश को लेकर जाती है और गुरुवार को उसको सटाकर गोली मारती है. अब पुलिस मेडिकल रिपोर्ट बदलवाना चाहती है. हम किसी अपराधी के साथ नहीं खड़े हैं, लेकिन जब अपराधी की जाति देखकर गोली चलेगी तो सवाल उठना लाजिमी है. जब अपराधी सीएम की जाति का होगा तो पुलिस की गोली कमर के नीचे चलती है और जब अपराधी मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण, गुर्जर होगा तो पुलिस की गोली कमर के ऊपर चलती है. मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड कसाब को कानून के दायरे में लाकर फांसी की सजा सुनाई गई ऐसे ही हर अपराधी को कानून के दायरे में लाकर ही सजा सुनाई जानी चाहिए. 

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बीजेपी ने किया पलटवार 

लेकिन इस पर योगी सरकार में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी में तो जितना बड़ा अपराधी वो उतना बड़ा समाजवादी होता है. वहीं, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह कहते हैं- जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो एक-एक अपराधी ने एक-एक जिला बांट लिया था. लखनऊ में तो सपाई गुंडे पुलिस के सीओ को कार से घसीटते हुए एसएसपी आवास के सामने गुजरते थे। आज योगी जी के राज में एक सिपाही का कॉलर पकड़ ले तो कलेजा निकाल दिया जाएगा. अब कानून का राज्य स्थापित हुआ है, इसलिए सपा को दिक्कत हो रही है. 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अब तक 207 एनकाउंटर हुए हैं, जिसमें बिकरू कांड के विकास दुबे से लेकर से गुरुवार को हुए मंगेश यादव एनकाउंटर तक शामिल है. अतीक अहमद के बेटे असद और मोहम्मद गुलाम के एनकाउंटर को लेकर तो लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई लेकिन अब तक यूपी पुलिस के किसी भी एनकाउंटर पर प्रदेश या देश के किसी भी एजेंसी ने सवाल नहीं खड़े किए हैं. यही वजह है कि इस बार वीरता के लिए दिए गए राष्ट्रपति गैलंट्री मेडल में यूपी पुलिस के 17 पुलिसकर्मी शामिल हैं. जिसमें असद और मोहम्मद गुलाम को एनकाउंटर में ढेर करने वाली टीम भी है. 

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