संभल में शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर का विवाद सालों से चला आ रहा है. हाल ही में मस्जिद के अंदर हुए सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश कर दी गई है. बताया जा रहा है कि मस्जिद के अंदर 50 से अधिक फूल की कलाकृतियां, बरगद के दो पेड़, एक कुआं और गुंबद के बीच घंटा लटकाने वाली लोहे की जंजीर भी मिली है, जिसमें फिलहाल एक झूमर टांगा गया है. इसके अलावा मंदिर के स्ट्रक्चर को बदला भी गया है.
शाही जामा मस्जिद के अंदर बीते 19 नवंबर को करीब डेढ़ घंटे की वीडियोग्राफी हुई, जबकि दूसरे दिन करीब तीन घंटे वीडियोग्राफी हुई. इस दौरान करीब 1200 फोटो लिए गए थे. एडवोकेट कमीशन की सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट में पेश कर दिया गया. एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने ये रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. इस रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि कभी यहां मंदिर रहा होगा. सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे स्थान कमिश्नर की रिपोर्ट में पाए गए हैं जिसके साथ छेड़छाड़ की गई है.
50 फूल, बरगद के पेड़, कुआं भी मौजूद
सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में मस्जिद के अंदर हिंदू धर्म से जुड़े 50 से ज्यादा फूल के निशान/कलाकृतियां मिलीं हैं. मस्जिद के अंदर दो बरगद के पेड़ हैं. अमूमन हिंदू धर्म के मंदिरों में ही बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं मस्जिद में कुआं भी है, जो आधा अंदर है और आधा बाहर है. बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है.
पुराने ढांचे को बदला गया, रिपोर्ट में दावा
इतना ही नहीं सर्वे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पुराने ढांचे को बदला गया है. गुम्मद के हिस्से को प्लेन कर दिया गया है. साथ ही उस जगह नए कंस्ट्रशन के सबूत मिले हैं. मंदिर के शेप वाले स्ट्रक्चर पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है. मस्जिद के अंदर जहां बड़ा गुम्मद है उस पर झूमर को तार से बांधकर एक जंजीर से लटकाया गया है. ऐसी जंजीर का इस्तेमाल मंदिर के घंटों को लटकाने में किया जाता है.
मंदिरों के दरवाजों पर प्लास्टर लगाकर किया गया पेंट
सूत्रों के अनुसार, विवादित स्थल में वैसे प्रतीक भी मिले हैं जो उस दौर के मंदिरों और देवालयों में बने होते थे. मंदिर के दरवाजों, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है, जिससे पुराना निर्माण छिप गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके शिलालेख के साथ छेड़छाड़ हुई है. ऐसा लगता है पुरानी लिखावट को मिटाकर नया शिलालेख बढ़ाने की कोशिश की गई है. जामा मस्जिद के पूर्व के हिस्से में गेट के कुछ हटाकर वहां नया निर्माण कराया गया. नमाज पढ़ने वाली मुख्य स्थान पर परिक्रमा जैसे स्ट्रक्चर मिले हैं. बताया जा रहा है जिसे बदलकर अब कोठरी में तब्दील कर दिया गया है. जामा मस्जिद के मुख्य गेट को तोड़कर अंदर तक रेलिंग लगाए जाने का भी जिक्र है. मुख्य गेट पर फूल की आकृति है और ऐसे ही कई फूल भीतर भी बने हैं. कई कलाकृतियों को हटाकर उन पर पेंट करने की कोशिश की गई है, कुछ आले (ताखे) भी मिले हैं जिन्हें बंद किया गया है.
Sambhal में जिस मस्जिद के पास हुई थी हिंसा, अब वहां बनेगी पुलिस चौकी, रखा जाएगा ये नाम
संभल में सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर दावा किया गया है कि प्राचीन काल में ये हरिहर मंदिर था. इसको लेकर 19 नवंबर 2024 को सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश जारी कर दिया था. अदालत ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. उसी दिन शाम को करीब चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई और करीब दो घंटे के सर्वे किया. हालांकि उस दिन सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ. इसके बाद सर्वे की टीम 24 नवंबर को जामा मस्जिद पहुंची. दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था, इसी दौरान भारी संख्या में लोग जमा हो गए. भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके, जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इस दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई.