संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सात एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें 800 उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. संभल के एसपी ने बताया है कि उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं. इसके अलावा ड्रोन से भी उपद्रवियों के फोटो निकाले गए हैं. संभल में फिलहाल धारा 163 (पूर्व में 144) लागू है और इंटरनेट कल यानी मंगलवार को भी सस्पेंड रहेगा. इसके अलावा कई थानों की पुलिस हिंसा प्रभावित इलाके में तैनात है.
संभल के एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि जामा मस्जिद के बाहर हुई हिंसा में 15 पुलिसकर्मी और 4 अधिकारी घायल हुए थे. पत्थरबाजी से बचने के लिए एसडीएम के पैर में फ्रैक्चर हो गया, जिसके बाद उन्होंने 800 उपद्रवियों पर एफआईआर दर्ज कराई. इसके अलावा एसपी के पीआरओ और सीओ के पैर में भी गोली लगी है. इस मामले में अबतक 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
कल भी बंद रहेगा इंटरनेट
उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद एसडीएम, ईओ और सीओ की एक कमेटी बनाई गई थी, जिस पर मस्जिद का सर्वे कराने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने कहा कि संभल में फिलहाल धारा 163 लागू है. हालांकि अब हालात नियंत्रण में हैं. दुकानें भी कहीं-कहीं खुली हैं. हालांकि हमने कल यानी मंगलवार को इंटरनेट बंद करने के लिए डीएम से अपील की है.
पुलिस ने सपा सांसद पर दर्ज किया था केस
इससे पहले पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ केस दर्ज किया था. सपा सांसद पर आरोप है कि उन्होंने सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काई, लोगों को इकट्ठा कर उन्हें उकसाया. एसपी ने बताया सांसद ने मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे को लेकर भड़काऊ बयान दिए, जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई और हिंसा की शुरुआत हुई है.
हिंसा में इन 4 लोगों की गई जान
संभल हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई. नौमान और बिलाल अंसारी को रात 11 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया गया. हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई है. एक निजी संस्था ने संभल में पुलिस की फायरिंग से 4 युवकों की मौत का आरोप लगाते हुए वीडियो भी आयोग को भेजा गया है.
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संभल में एक दिसंबर तक बाहरियों की एंट्री पर बैन
हिंसा के बाद संभल में जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों की एंट्री पर एक दिसंबर तक बैन लगा दिया है. हालांकि भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया है कि वो आज संभल जाएंगे और मृतकों के परिजनों से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हर बार सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर सीधी गोली चलाकर हमारे लोगों की जान ली है. मैं जल्द ही घायल पुलिसकर्मियों से मिलकर इस हिंसा की सच्चाई देश के सामने लाने का प्रयास करूंगा.